फीचर्ड
अमेरिका ने पाकिस्तान को दिए खतरनाक हथियार
नई दिल्ली। उरी हमले के बाद पाकिस्तान अपने आका अमेरिका की गोद में बैठ गया है। अमेरिका ने भी पाकिस्तान को निराश नहीं किया है।
अमेरिका ने पाकिस्तान को हथियारों का नया जखीरा देने का वादा किया है। आज अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन कैरी और पाकिस्तानी पीएम नवाज शरीफ के बीच इसको लेकर बैठक हुई।
5.4 अरब डॉलर के हथियार उपलब्ध कराए हैं
वाशिंगटन ने इस्लामाबाद को अबतक आतंकवाद निरोधी अभियानों के लिए 5.4 अरब डॉलर के हथियार उपलब्ध कराए हैं। कांग्रेसनल रिचर्स सर्विस फॉर (सीआरएस) लॉमेकर्स की रपट के अनुसार, पाकिस्तान के साथ हुए विदेशी सैन्य बिक्री समझौते में 50 फीसदी हिस्सा एफ-16 लड़ाकू विमानों और संबंधित हथियारों की बिक्री का है।
भारत ने जताया विरोध
भारत ने समय-समय पर पाकिस्तान को ऐसे हथियारों की बिक्री किए जाने पर विरोध जताया है, क्योंकि संदेह है कि इस्लामाबाद अंतत: इसका इस्तेमाल भारत के खिलाफ करेगा। सीआरएस के मुताबिक, पाकिस्तान के राष्ट्रीय कोष की तरफ से इन हथियारों को खरीदा गया, जो अमेरिका से मिले अनुदान के कारण बढ़ा है।
कांग्रेस ने फॉरेन मिलिट्री फाइनेंसिंग की तहत पाकिस्तान को 3.6 अरब डॉलर के हथियार देने को उचित बताया था, जिसमें से दो-तिहाई हिस्सा दिया जा चुका है।
पाक को हथियार देता रहता है अमेरिका
इस कोष का इस्तेमाल दीर्घ अवधि के आधुनिकीकरण के प्रयास में अमेरिका के सैन्य उपकरणों को खरीदने में किया जाता रहा है। पाकिस्तान ने अमेरिकी रक्षा आपूर्ति को एक्सेस डिफेंस आर्टिकल्स (ईडीए) का दर्जा दिया है। अप्रैल 2015 में विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान के साथ 15 एएच-1जेड वाइपर लड़ाकू हेलीकॉप्टर और 1,000 हेलफायर-2 मिसाइलों के लिए 95.2 करोड़ डॉलर की मंजूरी दी है। इसमें हेलीकॉप्टर इंजन, एवायोनिक्स ट्रेनिंग शामिल हैं।
अमेरिका ने 2,000 पाकिस्तानी सैन्य अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया
कोलिशन सर्पोट फंड्स के जरिए पाकिस्तान को 26 बेल 412ईपी यूटिलिटी हेलीकॉप्टर प्राप्त हुए हैं। इनकी कीमत 23.5 करोड़ डॉलर है। आतंकवाद रोधी अभियानों में अमेरिका ने चार एमआई-17 बहुउद्देश्यीय हेलीकॉप्टर, चार किंग एयर 350 चौकसी विमान, फ्रंट कॉप्र्स के लिए 450 वाहन और विस्फोटक का पता लगाने व उन्हें निष्क्रिय करने वाले 20 बफैलो वाहन भेजे हैं। अंतर्राष्ट्रीय सैन्य शिक्षण एवं प्रशिक्षण तथा अन्य कार्यक्रमों के जरिए अमेरिका ने 2,000 पाकिस्तानी सैन्य अधिकारियों को प्रशिक्षण दिए और धन उपलब्ध कराए हैं।