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अमेरिका में बसने की इच्छा रखने वाले भारतीयों की उम्मीदों को झटका

अमेरिका में वैध प्रवासियों की संख्या घटाकर आधी करने के लिए सीनेट में विधेयक (बिल) पेश किया गया है। ‘रेज एक्ट’ के पारित होने से ग्रीन कार्ड या अमेरिका में स्थायी निवास की ख्वाहिश रखने वाले भारतीय भी प्रभावित होंगे।

ट्रंप का बिल खड़ी करेगा मुश्किल 

सीनेटर पेर्डू ने कहा, हम अपनी आव्रजन प्रणाली की खामियों को दूर करने के लिए कदम उठा रहे हैं। आव्रजन प्रणाली के ऐतिहासिक सामान्य स्तर पर वापसी से अमेरिकी नौकरियों की गुणवत्ता सुधारेगी और तनख्वाह बढ़ेगी।

रेज एक्ट में अमेरिकी नागरिकों और कानूनी स्थायी निवासियों के जीवनसाथी (पति या पत्नी) और नाबालिग बच्चों को प्राथमिकता बरकरार रहेगी, जबकि खास श्रेणियों और परिवार के वयस्क सदस्यों की प्राथमिकता खत्म हो जाएगी।

बिल में कई तरह के लॉटरी वीजा को खत्म करने का भी प्रस्ताव शामिल है। इसमें कहा गया कि विभिन्न लॉटरी वीजा से धोखाधड़ी होती है और इससे आर्थिक या मानवीय हित भी पूरा नहीं होता है। रेज एक्ट इस लॉटरी को मनमाने तरीके से आवंटित 50 हजार वीजा को खत्म कर देगा।  

ग्रीन कार्ड की कठिन डगर

वर्तमान में भारतीयों को ग्रीन कार्ड हासिल करने के लिए 10 से 35 साल का इंतजार करना पड़ता है। विधेयक के कानून बनने से इस अवधि में इजाफा हो सकता है और रोजगार श्रेणियों में बेसब्री से ग्रीन कार्ड या अमेरिका में स्थायी निवास की ख्वाहिश रखने वाले भारतीयों को लंबे समय तक इंतजार करना पड़ सकता है। ग्रीन कार्ड जारी होने से अमेरिका में कानूनी रूप से स्थायी निवास की अनुमति मिल जाती है। हालांकि इस विधेयक में एच-1बी वीजा का कोई जिक्र नहीं है। 

ट्रंप प्रशासन के समर्थन में है बिल

रिपब्लिकन सीनेटर टोम कॉटन और डेमोक्रेटिक सीनेटर डेविड पेर्डू की ओर से पेश किए गए ‘रेज एक्ट’ को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की अप्रवासियों की संख्या घटाने की नीति के समर्थन में माना जा रहा है। कॉटन ने कहा, ‘यह समय है कि हमारी आव्रजन प्रणाली अमेरिकी कामगारों के लिए काम करना शुरू करे।’ उन्होंने कहा कि रेज एक्ट के पारित होने से सभी कामकाजी अमेरिकियों के वेतन में इजाफा होगा और उनका भविष्य बेहतर होगा। 

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