अयोध्या मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में जनवरी तक के लिए टली
नई दिल्ली :सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मामले को लेकर आज होने वाली सुनवाई जनवरी 2019 तक के लिए टल गई है। आज जैसे ही सुप्रीम कोर्ट की बेंच बैठी तो कोर्ट ने कहा कि इस मामले को जनवरी में लगाया जाए और तभी तय होगा कि इस पर सुनवाई कब-कब होगी। खबरों के अनुसार यह भी संभव है कि इसके लिए नई बेंच बनाई जाए या यह भी हो सकता है कि यही बेंच इस मामले की सुनवाई करेगी। यह जनवरी में ही तय होगा कि कौन इस मामले की सुनवाई करेगा और कब सुनवाई होगी। शीर्ष कोर्ट के समक्ष 2010 के इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली ढेरों याचिकाएं लंबित हैं। हाई कोर्ट ने रामजन्म भूमि-बाबरी मस्जिद क्षेत्र की विवादित 2.77 एकड़ जमीन तीन बराबर हिस्सों में तीनों पक्षकारों-भगवान राम लला, निर्मोही अखाड़ा व सुन्नी वक्फ बोर्ड को बांटने का सुझाव दिया था। वहीँ बीते 27 सितंबर को तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अगुआई वाली पीठ ने दो-एक के बहुमत से आदेश दिया था कि अयोध्या में विवादित भूमि के मालिकाना हक वाले दीवानी मुकदमे की सुनवाई तीन जजों की नई पीठ 29 अक्टूबर से करेगी। पीठ ने नमाज के लिए मस्जिद को इस्लाम का अभिन्न हिस्सा न मानने वाले इस्माइल फारूकी मामले वाले 1994 के फैसले के अंश को पुनर्विचार के लिए सात जजों की पीठ को भेजने से मना कर दिया था। कोर्ट ने कहा था कि पिछले फैसले का मौजूदा मामले से कोई संबंध नहीं है। हालांकि पीठ में शामिल जस्टिस एस. अब्दुल नजीर ने अलग फैसला देकर कहा था कि मस्जिद इस्लाम का अभिन्न हिस्सा है या नहीं, इस पर धार्मिक मान्यताओं के अनुसार विस्तृत विचार की जरूरत है। अपना और मुख्य न्यायाधीश की ओर से फैसला लिखने वाले जस्टिस अशोक भूषण ने कहा था कि हमें वह संदर्भ देखना है, जिसमें पांच जजों की पीठ ने वह फैसला सुनाया था। हालांकि, पीठ में शामिल जस्टिस एस. अब्दुल नजीर ने अलग फैसला देकर कहा था कि मस्जिद इस्लाम का अभिन्न हिस्सा है या नहीं, इस पर धार्मिक मान्यताओं के अनुसार विस्तृत विचार की जरूरत है।