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आंसर-की लीक मामले का पर्दाफाश: 6 दिन में SIT पहुंची मास्टरमाइंड तक

untitled-21_1448055940जींद/सोनीपत। एचटेट के लेवल-3 (पीजीटी) का पेपर सोनीपत के इंडियन मॉडर्न सीनियर सेकंडरी स्कूल से लीक हुआ। परीक्षा केंद्र इंचार्ज और दो जेबीटी सगे भाइयों ने साजिश रची थी। दोनों ने साल्व करके आंसर-की अपने भांजे नितेश को मुहैया कराई। उसने चांदनी चौक नाम से 55 लोगों के वॉट्सएप ग्रुप में उसे शेयर कर दी। पुलिस ने शुक्रवार को सोनीपत के विकासनगर में रहने वाले नितेश को गिरफ्तार कर लिया। सेंटर इंचार्ज राजेंद्र रंधावा और दोनों जेबीटी पवन और अजय अभी फरार हैं। पेपर लीक होने के छह दिन बाद एसआईटी मास्टरमाइंड तक पहुंच गई। नितेश ने पूछताछ में पूरे नेक्सस का खुलासा कर दिया है। आंसर-की के लिए 2-2 लाख में सौदा तय हुआ था। यानी 55 लोगों से 1.10 करोड़ वसूलने थे।
नितेश ने अपने दोस्त गौरव के साथ आंसर-की वॉट्सएप ग्रुप पर पोस्ट की थी। पुलिस शनिवार को नितेश को अदालत में पेश करेगी। लीककांड में अब तक 11 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं। डीएसपी दिनेश यादव ने बताया कि पुलिस ने नितेश को सोनीपत में उसके सेंटर के पास से गिरफ्तार किया है। उसके पास से पांच मोबाइल, एक लैपटॉप, लेवल-3 पेपर के कई एडमिट कार्ड मिले हैं। स्पेशल साइबर में इनकी जांच कर रही है।
11वां आरोपी हत्थे चढ़ा तो खुलती गईं कड़ियां
नितेश ने बताया कि उसके दोनों मामा पवन और अजय जेबीटी टीचर हैं। उनकी राजेंद्र रंधावा के साथ दोस्ती है। राजेंद्र ने पवन व अजय से कहा कि वह उन्हें 14 नवंबर को परीक्षा से पहले प्रश्न-पत्र दे देगा। इसके बाद पवन और अजय ने अपने भांजे नितेश और उसके दोस्त गौरव को चांदनी चौक के नाम से करीब 55 लोगों का मोबाइल पर वाॅट्सएप ग्रुप बनाने को कहा। आंसन-की का दो-दो लाख में सौदा हुआ। लेवल-3 (पोस्ट ग्रेजुएट टीचर) का पेपर तीन बजे होना था। रंधावा ने सेंटर से पेपर की फोटो कॉपी कराकर करीब 2 बजे यानी परीक्षा से एक घंटा पहले पवन और अजय को दे दी। दोनों ने करीब 15 मिनट में हल कर भांजे नितेश को आंसर-की दे दी। नितेश व गौरव ने इसे 2:15 बजे 55 लोगों के वॉट्सएप ग्रुप पर पोस्ट कर दी। इस ग्रुप में रंधावा का जानकार सोनीपत के फतेहपुर का प्रवीण दहिया भी था। प्रवीण दहिया ने आगे अपने करीबी दिल्ली के चांदपुर का रवि को आंसर-की भेजी। उसने सब ग्रुप में उसे दिल्ली, चंडीगढ़ और जींद तक वायरल कर दी।
 
1.30 लाख छात्रों का भविष्य दांव पर लगाने वाले 5 गुनाहगार
राजेंद्र : सोनीपत के ठरू गांव का रहने वाला राजेंद्र रंधावा इंडियन मॉडर्न स्कूल में 17 साल से नौकरी कर रहा है। पहले वह क्लर्क था। अब कुछ साल से राजनीतिक शास्त्र पढ़ा रहा है। वह स्कूल में सभी जिम्मेदारी वाले काम देखता है। इसीलिए उसे परीक्षा केंद्र का सुपरिटेंडेंट बनाया गया था।
पवन : सोनीपत के विकास नगर में रहने वाला पवन जिले के थरिया गांव में जेबीटी टीचर है। उसने रंधावा से पेपर लेकर उसे सॉल्व किया था।
अजय : सोनीपत के विकास नगर में ही रहने वाला अजय जिले के तिहाड़ कलां में जेबीटी टीचर है। उसने भी पेपर सॉल्व करने में सहयोग किया।
नितेश : सोनीपत में जेएस पालीवाल के नाम से कंप्यूटर सेंटर चलाता है। नितेश ने जेबीटी लेवल-1 की स्वयं भी परीक्षा देनी थी। लेवल-3 के पेपर लीक मामले का पता न चलता तो इस पेपर को भी लीक कराने की प्लानिंग थी। अजय व पवन उसके मामा है। वह उनके साथ ही विकास नगर में रहता है। उसने वॉट्सएप ग्रुप पर आंसर-की पोस्ट करने में भूमिका निभाई।
गौरव : नितेश का दोस्त। विकास नगर में ही रहता है। सोनीपत में एसीई कंप्यूटर सेंटर चलाता है। वह ऑनलाइन फार्म भरने का काम करता है। उसने भी नितेश के साथ वॉट्सएप ग्रुप बनाकर आंसर-की पोस्ट करने में भूमिका निभाई।
 
नितेश का 2013 में भी एचटेट पेपर लीक करने का दावा
नितेश से पूछताछ में यह भी खुलासा हुआ है कि उसके दोनों मामा पवन, अजय और राजेंद्र रंधावा ने 2013 में भी एचटेट की परीक्षा का प्रश्न-पत्र लीक किया था। उन्होंने उसी तर्ज पर इस बार भी पेपर लीक की घटना को अंजाम दिया।
 
रंधावा बोला- मैं जम्मू में हूं
सोनीपत के इंडियन मॉडर्न सीनियर सेकंडरी स्कूल में शुक्रवार को जींद पुलिस की टीम जांच के लिए पहुंची। टीम की मुलाकात स्कूल के चेयरमैन राजेंद्र सिंह गाहल्याण से हुई। राजेंद्र रंधावा स्कूल में नहीं मिला तो पुलिस ने गाहल्याण से उसके बारे में पूछताछ की। फोन करने पर रंधावा ने गाहल्याण को बताया कि वह जम्मू से अपनी मार्कशीट लेने गया हुआ है। एक दो दिन में वापस आएगा। लेकिन किस सब्जेक्ट की व किसकी मार्कशीट वह लेने गया है, इसकी जानकारी नहीं दी। उसके बाद से रंधावा का फोन नहीं लग रहा।
 
300 उड़नदस्ते, 800 कर्मचारी 10 करोड़ खर्च, फिर भी तंत्र फेल
सुरक्षा के लिए हर सेंटर पर मोबाइल जैमर लगे थे। परीक्षा की वीडियोग्राफी की गई। परीक्षार्थियों की सख्त चेकिंग की गई। 300 उड़दस्ते और बोर्ड व प्रशासन के 800 से अधिक कर्मचारी व अधिकारी लगाए गए थे। 27 रैपिड एक्शन फोर्स भी तैनात रही। पुलिस सेंटरों पर चेकिंग करती रही, लेकिन परीक्षा से पहले ही आंसर-की लीक हो गई। परीक्षा की तैयािरयों पर करीब 10 करोड़ रुपए खर्च का अनुमान है।
 
जांच कराएंगे, 2013 में पेपर लीक हुआ था या नहीं
इस साल एचटेट लेवल-3 पेपर लीक मामले में स्कूल की भूमिका पाई गई तो उसके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई होगी। दोषी पाए गए व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। परीक्षा की पारदर्शिता और साख बनाए रखने के लिए हर कदम उठाया जाएगा। यह भी जांच कराएंगे कि 2013 में एचटेट पेपर लीक कराने का दावा सही है या नहीं।

 

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