आइये जानते है शादी के बाद पुरुषों को क्या-क्या ‘त्याग’ करने पड़ते हैं
शादी वो लड्डू है जो खाये वो पछताये और जो न खाये वो ललचाये। लेकिन, अकसर शादी के बाद ही यह अहसास होता है कि लालच वाकई बुरी बला है। और पछताने से अच्छा तो यही है कि अपने लालच को काबू किया जाए। आखिर, अब पछतावत होत क्या जब चिडि़या चुग गई खेत। शादी के बाद पुरुषों को क्या-क्या ‘त्याग’ करने पड़ते हैं। कितना कुछ खोना पड़ता है उन्हें, ‘बेचारे’ उनका दर्द कौन सुनता है। शादी के साइड इफेक्ट से हमारा तात्पर्य उन सभी बातों से है जिनका त्याग हमें शादी की वेदी पर करना पड़ता है। पारिवारिक ज़िम्मेदारी के अलावा हमारा कोई महत्व नहीं है। आइये जानते हैं किस तरह शादी पुरुषों की जिंदगी में बदलाव लात हैं।
* पुरुषों के ‘बलिदान’ की कहानी : कहते हैं शादी के बाद महिलाओं का जीवन पूरी तरह बदल जाता है। लेकिन, पुरुष भी बदलाव से अछूते नहीं रहते। उनके जीवन में भी काफी कुछ पहले जैसा नहीं रहता। ना आजादी, ना आत्मसम्मान, ना पहले जैसी मौज और न ही वैसी मस्ती। जिंदगी पूरे 360 डिग्री घूम जाती है। अब कोई कहता है कि शादी के बिना जिंदगी अधूरी है, तो किसी की नजर में शादी के बाद जिंदगी खत्म है।
* शांति : यदि आपकी पत्नी समझदार है तो आपको स्वयं को भाग्यशाली समझना चाहिए। हालाँकि आपका बच्चा इसे नहीं समझेगा कि आप दिन भर मेहनत करके आये हैं, दिन भर आपने बॉस को खुश करने की कोशिश की है और अक्षम सहयोगियों के साथ काम किया है। आपको रात में भी शांति नहीं मिलेगी बल्कि आपके काम और बढ़ जायेंगे जैसे डाइपर बदलना और देर रात में आने वाले मैच न देखकर पत्नी को खुश रखना।
* पैसा : याद है वो दौर जब पकड़े मैले होने पर आप नया जोड़ा खरीद लेते थे। पसंद आया नहीं कि झट से जेब से कार्ड निकाला और फोन हाथ में। अब ऐसा नहीं हो सकता- कभी नहीं। आपकी बीवी आपके जीवन की ही पैसों की भी साझेदार होती है। अपने लिए खरीदारी करने से पहले भी आपको उनकी मर्जी की जरूरत होगी। ऐसा कई बार होगा, जब आप अपने पैसों से अपने लिए ही कोई चीज नहीं खरीद पाएंगे। शादी के बाद अकसर हमारी जरूरतें बचकानी हो जाती हैं, हैरान करने वाली बात है, लेकिन है पूरी तरह सही।
* अधिकार : इसका सामना करें, हम पुरुष अधिकतर दूसरों को यह बताते रहते हैं कि उन्हें क्या करना चाहिए। हालाँकि शादीशुदा होने का अर्थ है अपनी मर्ज़ी से सारा समय धौंस सहना। आपके कपड़े पहनने का तरीका कैसा है, आप किस तरह की फ़िल्में देखना पसंद करते हैं या फिर आप अपनी पत्नी के दोस्तों के सामने कैसे बात करते हैं, इन सभी बातों का विश्लेषण किया जाएगा।
* दोस्ती : शादी के बाद दोस्ती को भूल ही जाइए तो बेहतर। शादी होते ही आपके जिंदगी भर के दोस्त आपसे अलग हो सकते हैं। आप मानें या ना मानें शादी के बाद आप घर और काम में इतना उलझ और फंसकर रह जाते हैं कि आपके पास खुद को रिचार्ज करने के लिए वक्त ही नहीं मिलता। और कहीं आपके दोस्त अभी तक कुंवारे हैं या उनके धूम्रपान जैसी कोई लत है, जो हुजूर घर पर शांति और सुकून चाहते हैं, तो दोस्ती भूल ही जाइए। याद रखिए दोस्तों को समझाने की जरूरत नहीं पड़ती और बीवी को समझाना हाय तौबा।