उत्तर प्रदेशलखनऊ

आजम ने आमिर से कहा, दुआ है विरोध से कमजोर ना हो इरादे

यूazam-khan-56552e2d7f1c0_exlstपी के नगर विकास एवं अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री आजम खां ने फिल्म अभिनेता आमिर खान के समर्थन में आगे आते हुए उन्हें पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने दुआ की है कि लोगों के विरोध से उनके इरादे कमजोर न हों। उन्होंने कहा, इंतेहा तब होती है जब जिम्मेदार पदों पर बैठे लोग दिल तोड़ने की बात करते हैं। किसी भी घर के टूटने की शुरुआत दिल के टूटने से ही होती है।

आजम ने मंगलवार को लिखे पत्र में उनकी हौसला आफजाई की है, उन्हें मुल्क के बंटवारे से जुड़े इतिहास की जानकारी दी है। उन्होंने आमिर से कहा है, जब आप और आपकी पत्नी जैसे लोग इस सच को महसूस कर सके हैं, तो फिर उन कमजोर, लाचार और बेसहारा लोगों के बारे में यकीनन सोचने की हमारी जिम्मेदारी है जिनके लिए आए दिन अनुचित शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है। उन्होंने इंतेहा तब होती है जब दस्तूरी कुर्सियों पर बैठे हुए लोग वह कहते हैं, जिससे दिल टूटते हैं।

मुल्क के बंटवारे के समय थे दो नजरिये

आजम ने कहा है कि मुल्क के बंटवारे के वक्त दो नजरिये सामने आए थे। एक मजहब के नाम हिंदुस्तान से अलग हुआ टुकड़ा जिसे पाकिस्तान कहा गया और दूसरा अजीम हिंदुस्तान जिसकी आजादी की लड़ाई के लिए मुल्क के लोगों ने कुर्बानियां दीं।

आजम ने कहा है कि इन हालात में बहुत ज्यादा चिंतित होने की जरूरत नहीं है। जब आप जैसे लोग कुछ बोलते हैं तो उसकी गूंज बहुत दूर तक सुनाई देती है। ऐसे कई मौके खुद हमारी जिंदगी में भी आए लेकिन खुद को संभालने की कोशिश की और कामयाब भी रहे।

उन्होंने फिल्म अभिनेता को निमंत्रण दिया है कि वे अपनी सलाहियत को अपने फन के साथ-साथ अनपढ़ और मजबूरों की तालीम देने की तरफ भी लगाएं। उन्होंने खत में मशहूर शायर नवाज देवबंदी के ये शेर लिखे हैं।

मंजिल पे न पहुंचे उसे रस्ता नहीं कहते ।
दो चार कदम चलने को चलना नहीं कहते।।
एक हम हैं कि गैरों को भी कह देते हैं अपना।
एक वो हैं कि अपनों को भी अपना नहीं कहते।।
माना कि मियां हम तो बुरों से भी बुरे हैं।
कुछ लोग तो अच्छों को भी अच्छा नहीं कहते।।

उन्होंने मशहूर कवि और शायर प्रोफेसर उदय सिंह साहब का एक शेर भी उन्हें भेजा है-

न तेरा है, न मेरा है,
यह हिंदुस्तान सबका है।
नहीं समझी गयी यह बात,
तो नुकसान सबका है।

 

Related Articles

Back to top button