आठ हजार साल पहले भी बनती थी शराब
टिबलिस : जॉर्जिया में खुदाई के दौरान मिट्टी का एक वाइन पॉट मिला है। वैज्ञानिकों के मुताबिक, यह छह हजार ईसा पूर्व का है। इससे पता चलता है कि अंगूर से शराब बनाने की प्रक्रिया कई हजारों साल पुरानी है। इससे पहले 1968 में उत्तरी ईरान के ज़ग्रोस पर्वत में सबसे पुराना जार मिला था, जिसमें सात हजार साल पहले शराब रखी गई थी। लेकिन ताजा खोज में मिली निशानी इससे भी कई साल पुरानी है। जॉर्जिया में पुरातत्वविदों और वनस्पति विज्ञानियों की एक टीम के बाद यूरोप और उत्तरी अमेरिका के शोधकर्ताओं ने दक्षिण काकेशस क्षेत्र के दो गांव, राजधानी टिबलिसी के करीब 50 किमी दक्षिण में तलाशने के बाद इस जार के बारे में पता चला है। शोधकर्ताओं ने इस क्षेत्र में पाए गए मिट्टी के बर्तनों पर विशेष रूप से चिंतन किया और ऐसी संभावना जताई कि ये सबसे प्राचीन मिट्टी के बर्तन हैं।
शोधकर्ताओं के अनुसार यह जार लगभग एक मीटर लंबा और एक मीटर चौड़ा है और इसकी क्षमता 300 लीटर से भी अधिक की है। पुरातत्व और नृविज्ञान के पेन्सिलवेनिया संग्रहालय विश्वविद्यालय में अध्ययन के एक सह-लेखक पैट्रिक मैकगोवर ने नवपाषाण संस्कृति की एक झलक पेश की, जिसकी विशेषता मिट्टी-ईंट से बने घर पत्थर और हड्डी से बने औजार और मवेशियों, सूअर, गेहूं और जौ की खेती थी। यह पता लगाने के लिए कि क्या वास्तव में इस क्षेत्र में शराब बनाई जाती थी, टीम ने दो नवपाषाणु गांवों से बर्तनों के टुकड़ों को इकट्ठा करने और उनका विश्लेषण किया। क्षेत्र के आस-पास से इकट्ठा किए गए अनाज और लकड़ी का कोयला के रेडियोकार्बन से पता चला कि यह लगभग 6000-5800 ईसा पूर्व का है। शोधकर्ताओं ने कुल मिलाकर, 30 बर्तनों के टुकड़े और 26 मिट्टी के नमूनों और बर्तनों की सतह में जमें पाउडर की जांच की। शोधकर्ताओं ने लंबे समय से संदेह किया है कि वहां शराब बनाने का कोई पुराना इतिहास मिल सकता है। टीम ने विभिन्न प्रकार की विश्लेषणात्मक तकनीकों का इस्तेमाल किया, ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या मिट्टी के आंतरिक सतह में रासायनिक चिन्ह या वाइन होने के साक्ष्य हैं।
पता चला है कि आठ टुकड़ों की जांच, जिनमें से दो पहले खोजे गए थे, में टैटरिक एसिड का निशान पाया गया, जो बड़ी मात्रा में अंगूर में पाया जाता है। टीम ने अंगूर और शराब से जुड़ी तीन अन्य एसिड की मौजूदगी की भी पहचान की। उत्खनन स्थलों पर मिले सबूतों में शराब की उपस्थिति को बताने वाले प्राचीन अंगूर पराग और स्टार्च कण भी शामिल हैं। टीम ने नोट किया कि यह संभव है कि बर्तनों को शराब के अलावा किसी अन्य चीज़ को स्टोर करने के लिए इस्तेमाल किया गया, जैसे अंगूर या किशमिश। ये जार तरल पदार्थों को रखने के काम के लिए ज्यादा उपयुक्त था, क्योंकि इसकी बनावट कुछ इसी तरह की थी। सिर्फ अंगूर ही ऐसी एक चीज थी, जिसके रस को इस जार में रख कर वाइन बनाया जा सकता था। टोरंटो विश्वविद्यालय के एक पुरातत्वविद् स्टिफन बातिईक ने कहा कि जॉर्जिया बेहद उत्साहित है, यहां के लोग कई सालों से कह रहे हैं कि उनके पास वाइन मेकिंग का बहुत लंबा इतिहास है और इसलिए हम वास्तव में उस स्थिति को पुख्ता कर रहे हैं।