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आडवाणी को पार्टी स्थापना समारोह का न्योता भी नहीं

advani_Fनई दिल्ली : भाजपा के संस्थापक सदस्य व मार्गदर्शक मंडल के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी पार्टी के स्थापना दिवस समारोह में शामिल नहीं हुए। आडवाणी के नजदीकी सूत्रों के अनुसार उनको पार्टी मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम की विधिवत सूचना नहीं थी। ऐसे में आडवाणी के पार्टी नेताओं से नाराज होने के भी कयास लगाए जा रहे हैं। समारोह में पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने मजबूत संगठन के जनसंघ से लेकर भाजपा को गढ़ने वाले सभी वरिष्ठ नेताओं को याद करते हुए कार्यकर्ताओं का आह्वान किया कि वे पार्टी में पद के बजाय विचार को मन में रखें। पद तो परिश्रम के पीछे पीछे आता है। सरकार बनने के बाद कार्यकर्ताओं को बढ़ी हुई जिम्मेदारियों का अहसास कराते हुए शाह ने विरोधियों के भूमि अधिग्रहण कानून समेत तमाम मुद्दों पर दुष्प्रचार व गलतबयानी का जोरदार विरोध करने को कहा है।
भाजपा में बीते एक साल में आए बड़े बदलावों का असर उसके 35वें स्थापना दिवस समारोह पर साफ दिखा। इस दौरान भाजपा ने केंद्र में अपने पूर्ण बहुमत से सरकार बनाई और सदस्यता के लिहाज से दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी भी बनी। साथ ही पीढ़ी बदलाव में वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी व मुरली मनोहर जोशी धीरे धीरे हाशिए पर चले गए। पहले दोनों नेताओं के लिए मार्गदर्शक मंडल बना और उसके बाद बंगलुरु में हुई शाह की नई कार्यकारिणी की बैठक में दोनों नेता महज दर्शक भर रहे। आडवाणी मंच पर तो मौजूद थे, लेकिन भूमिका महज दीप प्रज्वलित करने की सीमित रही। दो दिन बाद ही स्थापना समारोह की विधिवत सूचना भी उन तक नहीं गई। आडवाणी के नजदीकी सूत्रों के अनुसार स्थापना दिवस के समारोह के लिए न तो कोई सर्कुलर मिला, न कोई निमंत्रण पत्र और न ही संदेश। उनके एक सहयोगी को पहले मीडिया का काम देखने के नाते वह एसएमएस भर मिला जो बाकी मीडियाकर्मियों को भेजा गया था।

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