आतंक के टैग से जूझ रहा पाक अब इस दाग से अपना दामन छुड़ाने की फिराक में…
आतंक के टैग से जूझ रहा पाकिस्तान अब इस दाग से अपना दामन छुड़ाना चाहता है जिसके लिए हर तरह का जुगाड़ लगाने में लगा है। कुछ वक्त पहले अमेरिका ने टेरर फंडिंग को लेकर पाकिस्तान को निगरानी वाले देशों की सूची में डालने की पहल शुरू की थी, जिसे हाल ही में हुई FATFकी मीटिंग में सर्वसम्मति नहीं मिली।
हालांकि अभी पाकिस्तान को 3 महीने तक इस लिस्ट में शामिल नहीं किया जाएगा। इसकी जानकारी देते हुए पाकिस्तान के विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘हमारी मेहनत रंग लाई। अमेरिका की पाकिस्तान को निगरानी वाले देशों की सूची में डालने की पहल को लेकर 20 फरवरी को जो मीटिंग हुई, उसमें पाकिस्तान को नामित करने के लिए सर्वसम्मति नहीं मिली।’
इन दिनों रूस के दौरे पर चल रहे ख्वाजा आसिफ ने आगे ट्वीट करते हुए लिखा कि मीटिंग में 3 महीने का वक्त दिया गया है और APG से दूसरी रिपोर्ट मांगी गई है जिस पर जून में विचार किया जाएगा।
पाकिस्तान का डर
बता दें कि APG मनी लॉन्ड्रिंग पर आधारित एशिया पसिफ़िक ग्रुप का नाम है जोकि फाइनैंशल ऐक्शन टास्क फोर्स (FATF) का हिस्सा है। पाकिस्तान को इस बात का डर सता रहा था कि अमेरिका अपने एंटी मनी लॉन्ड्रिंग ग्रुप के ज़रिए उसकी अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर सकता है…लेकिन अब 3 महीने की मोहलत मिलने से आसिफ खुश हैं।
इस दौरान पाकिस्तानी विदेश मंत्री उन लोगों का भी धन्यवाद करना नहीं चूके जिन्होंने इस मामले में पाकिस्तान का साथ दिया। उनका क्लियर इशारा चीन की तरफ था जो अब तक पाकिस्तान की हर आतंकी गतिविधि में उसका साथ देता आया है।
पाकिस्तान के राजनीतिक समीक्षक और पत्रकार मोइद पीरज़ादा ने भी ट्वीट करते हुए इस मामले पर खुशी जताई और कहा कि FATF पाकिस्तान के खिलाफ सर्वसम्मति जुटाने में असफल रहा और यह मामला अब कुछ वक्त के लिए टल गया है।
आतंकी टैग से छुटकारे पर संशय
हालांकि 3 महीने की मिली मोहलत की खबर को लेकर पाकिस्तान में संशय का माहौल दिखा। पीपीपी लॉ मेकर और पूर्व पाकिस्तानी राजदूत ने कहा कि सभी चाहते हैं कि पाकिस्तान इस निगरानी वाली लिस्ट से बाहर निकले और आतंक के टैग से छुटकारा पाए, लेकिन अभी तक ऐसा कोई निशान या क्लू नहीं मिला है जिससे कहा जा सके कि अगले 3 महीनों में हालात बदलेंगे।