‘लॉर्ड्स टेस्ट के बाद आपने क्या सीखा’ हर कोई अपनी गलतियों से सीखता है और यह मेरे लिए समान है। शायद मेरे लिए परिस्थितियां कठिन थीं और मैंने अच्छी गेंदबाजी नहीं की लेकिन इससे मुझे मजबूत वापसी करने में मदद मिली। सिडनी टेस्ट में, मैं एक मानसिकता के साथ खेला जैसे कि यह मेरा डेब्यू मैच हो। मैंने उसी दबाव को महसूस किया और अपने डेब्यू पर भी उतना ही नर्वस था। मैं बल्लेबाज को शामिल रखान चाहता था और शुरुआत में बदलाव नहीं करना चाहता था। एक ही जगह पर बार-बार गेंद को पिच करना और फिर उसके अनुसार योजना बनाना। शुक्र है कि ये सारी चीजें हो पाई।