आपका दिन क्या आपको पता चला, लंबा हो गया है
आपने शायद ध्यान नहीं दिया होगा, लेकिन अब आपके दिन थोड़े बड़े हो गए हैं। दरअसल, धरती के अपनी कक्षा में चक्कर लगाने की गति में थोड़ी कमी आई है।
एक नई रिसर्च के अनुसार, पिछले करीब 27,000 सालों से हर शताब्दी में दिन का औसत समय करीब 1.8 मिली सेकंड बढ़ जाता है। इस धीमे बदलाव के कारण धरती पर एक मिनट का समय बढ़ने में करीब 67 लाख साल का समय लग जाएगा।
यह अध्ययन रॉयल ग्रीनविच वेधशाला के सेवानिवृत्त खगोल विज्ञानी लेस्ली मॉरिसन ने सह-लेखक के रूप में किया है। उन्होंने पाया कि दिन में 1.8 मिली सेकंड की वृद्धि पूर्व में किए गए 2.3 मिली सेकंड के अनुमान की तुलना में ‘काफी कम’ थी।
डॉ मॉरिसन ने कहा कि यह एक बहुत ही धीमी प्रक्रिया है। इसके बारे में अनुमान ही लगाया जा सकता हैं क्योंकि पृथ्वी के घूर्णन पर लगने वाले भूभौतिकीय बल (geophysical forces) लंबे समय तक जरूरी नहीं हैं कि समान रूप से लगते रहें।
हिम युग के हस्तक्षेप से भी इसमें असर पड़ेगा। पूर्व का अध्ययन चंद्रमा की शक्ति पर आधारित था, जिसके कारण समुद्र में ज्वार-भाटे आते हैं और धरती की कक्षा पर प्रभाव पड़ता है। इसमें दिन का औसत समय बढ़ने के बारे में 2.3 मिली सेकंड का अनुमान लगाया गया था।
नए अध्ययन में ग्रहणों का सही समय पता लगाने के लिए वैज्ञानिकों की टीम ने सूर्य के चारों ओर पृथ्वी के चक्कर लगाने और पृथ्वी के चारों ओर चक्कर लगाने के लिए चंद्रमा के गुरुत्वाकर्षण सिद्धांतों का इस्तेमाल किया। उन्होंने इसकी तुलना प्राचीन बेबीलोन, चीनी, यूनानी, अरब और मध्ययुगीन यूरोपियों द्वारा दर्ज किए गए ग्रहण के रिकॉर्ड से किया।