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अंग्रेजी भाषा हमें मानवीय व राष्ट्रवादी मूल्यों की शिक्षा देने में पर्याप्त नहीं: मोहन भागवत

दस्तक टाइम्स/एजेंसी
जालन्धर : राष्ट्रीय स्वयं सेवकimages संघ (आर.एस.एस.) ने अब एक नया विवाद अंग्रेजी भाषा को लेकर छेड़ दिया है। आर.एस.एस. प्रमुख मोहन भागवत ने कह दिया है कि अंग्रेजी भाषा हमें मानवीय व राष्ट्रवादी मूल्यों की शिक्षा देने में पर्याप्त नहीं है।मोहन भागवत गोवा में एक समारोह में भाग लेने गए हुए थे । इससे पहले भी आर.एस.एस. ने कभी आरक्षण तो कभी राम मंदिर के मुद्दे को लेकर अलग-अलग दृष्टिकोण पेश किए। मोहन भागवत ने कहा कि अंग्रेजी शिक्षा हमें केवल दैनिक रोजगार के लिए सक्षम बनाती है। हमें ऐसे स्कूलों की जरूरत नहीं है बल्कि हमें ऐसे स्कूल चाहिए जो मानवता की बेहतरी की सेवा करने का संदेश देते हो।उन्होंने वीर सवारकर का हवाला देते हुए कहा कि उन्होंने कहा कि अगर हम अपनी शिक्षा की महक देश की बेहतरी के लिए नहीं कर सकते तो हमारी शिक्षा व्यर्थ है। भागवत जब बोल रहे थे तो उस समय गोवा के मुख्यमंत्री तथा शिक्षा मंत्री के अलावा गोवा यूनिवॢसटी के वाइस चांसलर सतीश शैट्टी भी मौजूद थेबाद में शिक्षा मंत्री लक्ष्मीकांत परसेकर ने कहा कि भागवत का भाषण सरकार की नीति को प्रभावित नहीं करेगा। स्कूलों में शिक्षा का माध्यम ज्यों का त्यों बना रहेगा। फोरम फॉर राइट्स ऑफ चिल्ड्रन्स एजुकेशन ने मांग की है कि सरकार इंगलिश माध्यम स्कूलों पर ग्रांट देने का अधिनियम पास करे जबकि भारतीय भाषा सुरक्षा मंच ने मांग की है कि गवर्नमैंट अंग्रेजी माध्यम वाले स्कूलों को ग्रांट देना बंद करे।

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