दिल्ली

आरोपियों की फांसी नहीं चाहती थी ‘निर्भया’, चाहती थी जिंदा जला दिया जाए

भले ही सुप्रीम कोर्ट द्वारा आरोपियों को फांसी की सजा बरकरार रखी गई हो, लेकिन निर्भया ऐसा बिलकुल भी नहीं चाहती थी। निर्भया नहीं चाहती थी कि उससे दरिंदगी करने वाले हैवानों को केवल इतनी सी सजा मिले। अस्पताल के बेड पर दर्द से तड़पती निर्भया की आखिरी ख्वाहिश थी कि उसके बलात्कारियों को फांसी पर लटकाने की जगह जिंदा जला दिया जाए।  निर्भया ने अपनी आखिरी ख्वाहिश तत्कालीन एसडीएम ऊषा चतुर्वेदी के सामने जाहिर की थी।

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आरोपियों की फांसी नहीं चाहती थी 'निर्भया', चाहती थी जिंदा जला दिया जाए

ऊषा ने बताया कि पहली बार ऑपरेशन के लिए निर्भया को ले जाने से पहले उनकी निर्भया से बात हुई थी। टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक निर्भया ने उनसे कहा था कि बलात्कारियों को फांसी पर लटकाने की जगह जिंदा जला देना चाहिए। निर्भया का ये बयान 4 पन्नों में दर्ज है। 

ऊषा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले में मैं खुश और संतुष्ट हूं। उन्होंने बताया कि निर्भया ने अपना बयान भारी पीड़ा में और घृणा के साथ दिया था।  

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अपने साथ हुई दरिंदगी की घटना के बाद निर्भया ने तीन बयान दिए थे। उसने पहला बयान इलाज करने वाले डॉक्टर को, दूसरा एसडीएम ऊषा चतुर्वेदी को और तीसरा मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट को दिया था।

फैसले के समय सुप्रीम कोर्ट ने निर्भया के बयानों पर भी विचार किया। लेकिन आरोपियों की ओर से इस बाबत तर्क आया कि निर्भया की हालत ऐसी नहीं थी कि वो बयान दे सके। उसे ऑक्सीजन पर रखा गया था। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने इस तर्क को खारिज कर दिया था। 

 
 

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