मुजफ्फरपुर। यौन शोषण मामले में फंसे आसाराम के खिलाफ अब बिहार के मुजफ्फरपुर जिले की एक अदालत ने पेशी वारंट जारी किया है। अदालत ने बलात्कार के मामले पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने को लेकर आसाराम के खिलाफ कल पेशी वारंट जारी किया। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एस पी सिंह की अदालत ने यहां मामले में सुनवाई करने के बाद जोधपुर जेल के अधीक्षक और राजस्थान पुलिस को निर्देश दिया कि वह 21 अक्टूबर तक आसाराम को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में उपस्थित करें। अधिवव्ता सुधीर ओझा ने 06 जनवरी 2013 को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में एक मुकदमा दायर किया था। जिसमें आरोप लगाया था कि राजस्थान के टोकसवा में एक प्रवचन के दौरान आसाराम ने एक विवादास्पद बयान दिया था। जिसमें बलात्कार के लिए महिलाओं को ही जिम्मेवार ठहराया गया था। अधिवव्ता ने उव्त बयान को औरतों की अस्मिता के साथ खिलवाड़ बताते हुए आसाराम के खिलाफ मुकदमा दायर किया था। मामले की पहली सुनवाई में अदालत ने आसाराम को धारा 205 का लाभ देते हुए व्यव्तिगत उपस्थिति की बात नहीं कही थी लेकिन 17 सितम्बर और फिर आज हुई सुनवाई के बाद अदालत ने आसाराम के खिलाफ पेशी वारंट जारी करते हुए उन्हें 21 अक्टूबर तक न्यायालय में पेश करने का निर्देश दिया है। इससे पूर्व अधिवव्ता ने अदालत को बताया कि एक नाबालिग बच्ची के साथ छेड़छाड़ के कथित मामले में आसाराम इस समय राजस्थान के जोधपुर जेल में बंद है और उन्हें जेल से यहां लाने में कोई खास दिक्कत नही होगी।