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‘आहत’ विराट कोहली ने कहा, जिन्होंने देश के लिए नहीं खेला वे भी कर रहे आलोचना

virat-kohli_240x180_61441947142नई दिल्ली: दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ मिली शानदार जीत के बावजूद कई एक्सपर्ट्स और पूर्व क्रिकेटरों द्वारा टीम की आलोचना से कप्तान विराट कोहली आहत हैं। उनका कहना है कि कुछ ऐसे क्रिकेटर भी हैं, जिन्होंने देश के लिए कोई भी मैच नहीं खेला है, लेकिन वे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट पर अपनी राय दे रहे हैं और उनकी टीम को निशाने पर ले रहे हैं।

कुछ लोग केवल नकारात्मक चीजों पर ध्यान देते हैं
कोहली ने ‘बीसीसीआई.टीवी’ से कहा, ‘‘निश्चित तौर पर मुझे इससे पीड़ा होती है कि जो लोग खुद खेल चुके हैं, वे इस प्रकार की टिप्पणी करते हैं। मैं यह नहीं कह रहा हूं कि सब लोग ऐसा करते हैं। उनमें से कुछ खिलाड़ियों की मनोदशा को समझते हैं, क्योंकि वे अपने करियर के दौरान उस दौर से गुजर चुके होते हैं। वे आपकी मदद करते हैं, सही बात कहते हैं और कुछ तकनीकी पहलुओं के जरिये भी आपकी मदद करते हैं, लेकिन कुछ लोग केवल नकारात्मक चीजों पर ध्यान देते हैं। इससे भारतीय क्रिकेटर होने का बुरा अहसास होता है।’’

थोड़ा कम हो जाता है सम्मान
प्रतिकूल टिप्पणियों के बारे में कप्तान का रुख स्पष्ट था। उन्होंने कहा ‘‘जिन लोगों को देखकर आप बड़े होते हैं और जब उनसे इस प्रकार की टिप्पणियां सुनते हैं, तो उनको लेकर आपके मन में जो सम्मान का भाव होता है, उसमें थोड़ी कमी आती है, लेकिन उन लोगों के लिए आदर और बढ़ जाएगा, अगर उन्हें कोई कमी नजर आती है और वे व्यक्तिगत तौर पर खिलाड़ी से कहते हैं।’’

हालांकि इसके बावजूद उनके मन में उन खिलाड़ियों के लिए सम्मान का भाव है जो देश के लिए खेल चुके हैं। लेकिन जब बात उन क्रिकेटरों की आती है जिन्होंने प्रथम श्रेणी क्रिकेट ही खेली है, तो कोहली के लिए यह बताना मुश्किल हो जाता है कि वे किस आधार पर प्रतिकूल टिप्पणी करते हैं।

ऐसे क्रिकेटरों को टिप्पणी का अधिकार नहीं
बतौर कप्तान लगातार दूसरी टेस्ट सीरीज जीतने के बाद कोहली ने कहा, ‘‘जिन लोगों ने देश का प्रतिनिधित्व नहीं किया है उनको अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर पर टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है। मुझे नहीं लगता कि इसमें किसी प्रकार का तर्क है। आप वहां बैठकर यह नहीं कह सकते हैं कि आपने कुछ अलग कैसे किया जबकि आपने उस परिस्थिति का सामना नहीं किया है और आपकी मानसिकता एक क्रिकेटर जैसी नहीं है।’’

कोहली एक बार फिर इस बात से नाखुश नजर आए कि अच्छी तरह से सीरीज जीतने के बावजूद टीम को उसका श्रेय नहीं दिया जाता है। वह इस बात से सहमत दिखे कि लोग जो पढ़ते हैं या मीडिया में सुनते हैं, उससे उनका नजरिया प्रभावित होता है।

दो पारियों के आधार पर ही करने लगते हैं आलोचना
कोहली ने कहा, ‘‘ऐसा होता है। जिन लोगों के पास मीडिया में बोलने का सामर्थ्य है, वे जाते हैं और महज दो पारियों के आधार पर एक खिलाड़ी की आलोचना करते हैं और कहते हैं कि वह खिलाड़ी फॉर्म में नहीं है या उसकी तकनीक में खामी है। आप ऑस्ट्रेलिया या किसी और देश में चले जाइए। वहां लोग एक खिलाड़ी के पहले के अच्छे प्रदर्शन को दिखाते रहते हैं और इस बात पर चर्चा करते हैं कि वह कितना अच्छा है, चाहे वह खिलाड़ी उस समय फॉर्म में ना हो। इससे खिलाड़ी को विश्वास हासिल करने में मदद मिलती है। यह उन्हें दिखाता है कि पूरी व्यवस्था उनके साथ है।’’

उन्होंने साथ ही कहा, ‘‘भारत में पिछले कुछ वर्षों में यह चलन हो गया है। खिलाड़ियों की बेवजह आलोचना होती है। अगर आप हारते हैं तो ये ठीक है, लेकिन जब आप जीत रहे हैं तो वे टीम की आलोचना के लिए नया तरीका ढूंढ़ लेते हैं। यह पूरी तरह से विचित्र चीज है।’’

 

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