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इन बैंकों ने लगाया दूसरी तिमाही में विकास दर के 4.7 फीसदी रहने का अनुमान

आर्थिक सुस्ती के चलते भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के बाद अब अन्य बैंकों ने दूसरी तिमाही में जीडीपी अनुमान के पांच फीसदी से नीचे रहने का अनुमान व्यक्त किया है। कोटक महिंद्रा, एचडीएफसी बैंक और क्रिसिल ने कहा कि निवेश और मांग में कमी के चलते कई सेक्टर बेहाल हो गए हैं। ऐसे में दूसरी तिमाही के दौरान विकास दर काफी कम रहेगी। कोटक महिंद्रा बैंक ने विकास दर के दूसरी तिमाही में 4.7 फीसदी रहने का अनुमान जताया है। वहीं इस वित्त वर्ष के लिए यह अनुमान पांच फीसदी है। वहीं क्रिसिल ने कहा कि मौजूदा दूसरी तिमाही में विकास दर पांच फीसदी रहेगी।

सरकार जीडीपी का आधिकारिक डाटा 29 नवंबर को जारी करेगी, जबकि पूरे साल का डाटा जनवरी में जाकर के उपलब्ध होगा। एचडीएफसी बैंक के चीफ इकोनॉमिस्ट अभीक बरूआ ने कहा है कि विकास दर इस तिमाही में 4.8 फीसदी और 5.8 फीसदी के बीच रहने का अनुमान है। केयर ने कहा है कि इस तिमाही में विकास दर 4.5 फीसदी और एक साल के लिए 6.2 फीसदी रहेगी।
एसबीआई ने जताया था यह अनुमान
एसबीआई ने एक शोध रिपोर्ट में चालू वित्त वर्ष के लिए विकास दर अनुमान में भारी कटौती की है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस साल विकास दर 5 फीसदी रह सकती है, जो 6.1 फीसदी के पिछले अनुमान जताया था। इकोरैप नाम से जारी रिपोर्ट में एसबीआई ने दूसरी तिमाही में विकास दर 4.2 फीसदी रहने की बात कही है।

इकोरैप के अनुसार, वाहनों की बिक्री में भारी कमी, हवाई यातायात में गिरावट, बुनियादी क्षेत्र की स्थिर वृद्धि दर और बुनियादी ढांचा क्षेत्र में निवेश की कमी से विकास दर की रफ्तार सुस्त हुई है। हालांकि, अगले वित्त वर्ष 2020-21 में यह फिर जोर पकड़ेगी और 6.2 फीसदी पहुंच सकती है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि विकास को गति देने के लिए आरबीआई रेपो रेट में एक बार फिर कटौती कर सकता है। इससे पहले आरबीआई ने भी चालू वित्त वर्ष के विकास दर अनुमान को 6.9 फीसदी से घटाकर 6.1 फीसदी कर दिया था।

इस पर एसबीआई शोध रिपोर्ट में कहा गया कि अक्तूूबर 2018 में 33 प्रमुख संकेतकों में वृद्धि की रफ्तार 85 फीसदी रही, जो सितंबर 2019 में केवल 17 फीसदी रह गई। मार्च 2019 से ही विकास दर में तेजी से गिरावट आई है। रिपोर्ट के अनुसार, मूडीज के परिदृश्य को स्थिर से नकारात्मक किए जाने से कोई बड़ा प्रभाव नहीं पड़ेगा।

दूसरी तिमाही के आंकड़े भारत के लिए अहम : डीबीएस
सिंगापुर के डीबीएस बैंक ने कहा है कि भारत के लिए चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के विकास दर आंकड़े काफी अहम होंगे। सरकार 29 नवंबर को जुलाई-सितंबर तिमाही के जीडीपी वृद्धि दर के आंकड़े जारी करेगी। डीबीएस ने कहा कि जून में समाप्त पहली तिमाही में आंकड़े छह साल के निचले स्तर पर 5 फीसदी पहुंच गए।

बैंक ने कहा कि जीडीपी के बुरे आंकड़े एक बार फिर रुपये को कमजोर बना सकते हैं। सोमवार को डॉलर के मुकाबले भारतीय मुद्रा 71.47 रुपये के स्थर पर थी, जो साल के आखिर तक 72.5 के पार जा सकती है। औद्योगिक उत्पादन में लगातार गिरावट और कम निवेश की वजह से अर्थव्यवस्था की चुनौतियां बरकरार हैं।

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