नई दिल्ली: हरियाणा के एक किसान ने आरोप लगाया है कि दुनिया की सबसे बड़ी उर्वरक सहकारी समिति इंडियन फारमर्स फर्टिलाइजर कोऑपरेटिव लिमिटेड (इफको) ने उसे धोखा दिया है. किसान ने कहा है कि उसने एक इफको प्रमाणित 50 किलो यूरिया की बोरी खरीदी थी, लेकिन बाद में जब उसने वजन की जांच की तो पता चला कि बोरी में केवल 42 किलोग्राम उर्वरक था. लेकिन इफको ने आरोपों को खारिज कर दिया और कहा कि किसान द्वारा किए गए दावे गलत हैं.
मगन भानु भाई गोंदलिया नाम के किसान ने मंगलवार को उर्वरक (चालान: 1085) खरीदा. मगन ने जब अपने स्टोर में जाकर उर्वरक की बोरी के वजन की जांच की तो 8 किलो ग्राम कम पाया. सोशल मीडिया पर मामला आने के बाद लोगों ने सरकार और इफको पर सवाल खड़े करना शुरू कर दिया और इसे एक घोटाला बताया. कुछ लोगों ने इफको के प्रबंध निदेशक डॉ उदय शंकर अवस्थी को भी आड़े हाथों लिया. अवस्थी ने किसान के आरोपों का स्पष्ट तरीके से जवाब दिया.
उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा- यहां स्पष्ट है कि इफको की बोरी सफेद धागे से बंद की गई है, जबकि इफको द्वारा सभी बोरियाँ हरे धागे से सील की जाती हैं.यहाँ बोरियां खुल जाने के बाद दोबारा बंद की गई हैं. विक्रेता सहकारी संस्था ने भी इस बात को स्वीकारा है.इफको सदैव गुणवत्ता और वजन की खाद पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है.
केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री अनंत कुमार ने प्राथमिकता के आधार पर इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की. जांच के बाद इफको ने एक बयान जारी कर घटना की वजह साफ की और क्षति पूर्ति करने की बात भी कही.
इफको का बयान
इफको ने पिछले पचास सालों में किसानों के सहकार की शक्ति का परचम दुनियां भर में फहराया है . आम किसानों और सहयोगी सहकारी संस्थाओं के बीच गहरे विश्वास के बंधन का नतीजा है कि पिछले 50 सालों में सहयोगी सहकारी संस्थाओं की संख्या में लगभग 1000 गुणा वृद्धि हुई . यह गर्व का विषय है कि किसान और सहकारी संस्थाएं अपने आप को इफको का अंग मानते हैं और इसीलिए इफको उत्पादों को ग्राहक किसानों तक पहुंचाने को अपनी व्यक्तिगत ज़िम्मेदारी मानते हुए छोटी मोटी समस्याओं का खुद समाधान करने का प्रयास करते है .
हाल ही में ऐसी ही एक घटना में हमारी एक सहयोगी सहकारी संस्था ने पाया कि इफको फर्टिलाइज़र की एक बोरी भण्डारग्रह से दुकान तक पहुंचने के दौरान फट गई और उसमें से कुछ यूरिया बिखर गया . अपने स्तर पर समस्या का समाधान करने की नीयत से सहकारी संस्था के किसी कर्मचारी ने बोरी को वापस सील दिया लेकिन अज्ञानतावश बोरी में उत्पाद का फिर से वजन नही किया . नतीजतन ग्राहक को जो बोरी मिली उसमे फर्टिलाइज 50 की जगह करीब 42 किलो था.
बेशक घटना के मूल में मानवीय भूल और सहकारी साथियों की इफको के प्रति अपनत्व की भावना अहम है लेकिन साथ ही इफको ने देश भर में जो विश्वसनीयता हासिल की है वह गुणवत्ता के प्रति निरन्तर सजगता से ही संभव हुई है. ग्राहक तक कम वजन का उत्पाद पहुंचना इफको के पचास सालों के इतिहास में अपवाद है . इफको इस घटना की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए ग्राहक की क्षतिपूर्ति करने और ऐसी घटना की पुनरावृत्ति ना होने देने के लिए प्रतिबद्ध है.