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इस इंस्टिट्यूट में 10 दिनों से शव के साथ रह रहे थे भाई बहन

दिल्ली के इंडियन ऐग्रिकल्चरल रिसर्च इंस्टिट्यूट, पूसा से रिटायर साइंटिस्ट यशवीर सूद (64 साल) का शव उनके घर से सड़ी-गली हालत में मिला। ऐसा माना जा रहा है कि 8-10 दिनों पहले उनकी मौत हुई थी। उनके शव के साथ उनके भाई-बहन रह रहे थे। इस बारे में उन्होंने किसी को नहीं बताया।

गुरुवार सुबह साइंटिस्ट के घर से पड़ोसियों को तेज बदबू आई। इसके बाद पुलिस को कॉल की गई। पुलिस का कहना है कि अभी तक उनके परिवार का कोई सदस्य सामने नहीं आया है। पोस्टमॉर्टम के लिए 72 घंटे तक इंतजार किया जाएगा। इसके बाद ही पोस्टमॉर्टम के बारे में कोई विचार किया जाएगा। यह मामला वेस्ट दिल्ली के इंद्रपुरी थाना इलाके का है।

डीसीपी विजय कुमार ने बताया कि यशवीर सूद इंस्टिट्यूट से रिटायर हो चुके थे। उनके साथ उनकी बड़ी बहन कमला और छोटा भाई हरीश भी रहते थे। दोनों मानसिक रूप से कमजोर हैं। पुलिस ने इन दोनों का इलाज कराने के लिए नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली स्थित इहबास में दाखिल कराया है। पुलिस ने बताया कि अभी तक की जानकारी में दिल्ली में इनके किसी नजदीकी रिश्तेदार के रहने के बारे में पता नहीं चल पाया है। इनके परिवार के कुछ लोग लंदन में रहते हैं। इसके आधार पर जानकारों को फोन किया गया है। पुलिस ने बताया कि सूद, इंस्टिट्यूट से 31 मार्च 2015 को रिटायर हो गए थे। इसके बाद भी तीनों भाई-बहन पूसा कैंपस में ई-54 में कुछ दिन रहे। बाद में उन्हें उस सरकारी क्वॉर्टर के पास ही डेसू की एक कॉलोनी में एक जर्जर से कमरे में शिफ्ट करा दिया गया था। एक ही कमरे में तीनों बहन-भाई रहते थे।

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गुरुवार सुबह फील्ड ऑफिसर सोनू को डेसू कॉलोनी के बी-1 क्वॉर्टर से तेज बदबू आई। उन्होंने पुलिस को कॉल करके जानकारी दी। मौके पर आई पुलिस ने देखा कि घर से तेज बदबू आ रही थी। बदबू इतनी तेज थी कि पुलिस ने पहले घर के अंदर एक खिड़की का कुछ हिस्सा तोड़कर स्प्रे किया। इसके बाद पुलिस ने उस घर में घुसने की कोशिश की। गेट पर सूद की बहन कमला मौजूद थीं और उन्होंने पुलिस को अंदर घुसने नहीं दिया। बाद में पुलिस ने उन्हें किसी तरह से दरवाजे से हटाकर अंदर झांका। कमरे के अंदर एक फोल्डिंग पर एक आदमी लेटे हुए थे और उनके शरीर से स्किन पूरी तरह गायब हो चुकी थी। जांच में पता लगा कि उनकी मौत हो चुकी है। शव को शायद कीड़े-मकोड़े ने भी खाया हो। 

मृतक की पहचान डॉ. यशवीर सूद के रूप में हुई। वह पूसा इंस्टिटयूट में न्यूक्लियर साइंस डिपार्टमेंट में प्रिंसिपल साइंटिस्ट थे। उनके पिता वेद प्रकाश सूद भी पूसा में ही साइंटिस्ट थे। पुलिस ने बताया कि उनके घर के अंदर साफ-सफाई की व्यवस्था बहुत खराब थी। हर ओर गंदगी थी। ऐसा लगता है कि महीनों से ठीक से सफाई नहीं हुई है। बाद में पुलिस ने यहां सफाई कराई।

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