मसल बनाने और करतब करने के अलावा बगैर रस्सी के सहारे पहाड़ों पर या दीवारों पर चढ़ने से अवसाद के लक्षणों को दूर करने में मदद किल सकती है। अमेरिका में यूनिवर्सिटी ऑफ एरिजोना में साइकोलॉजी की छात्र और इस अध्यय की एक अध्ययनकर्ता ईवा-मारिया स्टेलजर ने बताया, “पहाड़ों पर चढ़ना कई तरह से एक सकारात्मक शारीरिक गतिविधि है।” यह शोध बॉस्टन में 25 से 28 मई तक आयोजित 29वें ‘एसोसिएशन फॉर साइकोलॉजिकल साइंस कंवेंशन’ में प्रस्तुत किया गया।
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स्टेलजर ने बताया कि कई लोग अलग-थलग रहने से अवसाद का शिकार होते हैं, और उनके लिए यह शारीरिक गतिविधि बढ़ाने में मददगार हो सकता है और साथ ही यह अन्य लोगों के साथ जुड़ने में भी मददगार हो सकता है।
इस शोध के लिए 100 प्रतिभागियों को लिया गया था। इस दौरान इन सभी प्रतिभागियों को जर्मनी में एक इस तरह की गतिविधि में शामिल किया गया।
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इस दौरान प्रतिभागियों ने लगातार आठ सप्ताहों तक प्रत्येक सप्ताह तीन घंटे की बाउलडरिंग की।
जर्मनी में एरलांगेन-नुरेमबर्ग यूनिवर्सिटी की कैथरीना लुटेनबर्गर ने कहा, “अध्ययन में शामिल लोगों ने इन गतिविधियों का आनंद लिया और उन्होंने बताया कि इससे उन्हें अच्छा लाभ मिला।”