इस देश में जल्लाद बनने को बेताब हैं लोग, 2 पदों के लिए किये 100 आवेदन
जल्लाद का नाम सुनते ही जहन में एक खतरनाक और खूंखार आदमी की शक्ल याद आ जाती है जो लोगों की जान लेने लेने का काम करते हैं और इसके लिए उन्हें पैसे भी मिलते हैं. वैसे ज्यादातर लोग ये नौकरी करना पसंद नहीं करते हैं, क्योंकि यह इतना आसान नहीं होता है. जल्लाद का काम होता है किसी को भी फांसी पर लटकाना और इसके लिए तो इंसान के अंदर हिम्मत होनी चाहिए. लेकिन श्रीलंका में ठीक इसके उलट देखने को मिला है. हम आपको आज उस देश के बारे में बता रहे हैं जहां पर लोग जल्लाद बनने के लिए तड़प रहे हैं.
जी हाँ… वैसे तो यहाँ पर केवल दो पदों पर वैकेंसी निकली है लेकिन इसके लिए 100 लोगों ने आवदेन किया है, जिसमें एक अमेरिकी नागरिक भी शामिल है. ये देश है श्रीलंका जहां की सरकार मादक पदार्थों के तस्करों को जल्द से जल्द फांसी पर लटकाना चाहती है. ऐसे में श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाल सिरिसेना ने फरवरी की शुरुआत में ही घोषणा की थी कि वह अगले दो महीने के भीतर मादक पदार्थों के दोषियों को फांसी पर लटका देंगे. आपको बता दें साल 2004 से ही श्रीलंका में बलात्कार और मादक पदार्थों की तस्करी और हत्या को बड़ा अपराध माना जाता है लेकिन इसकी सजा सिर्फ आजीवन कारावास तक ही दी गई है. इस देश में अपराधियों को फांसी देना कानून में वैध है लेकिन साल 1976 से अब तक यहां किसी को भी फांसी नहीं दी गई है.
इस बारे में श्रीलंका के न्याय और कारागार सुधार मंत्रालय ने घोषणा की है कि सुरक्षा कारणों के चलते चुने गए लोगों के नाम और साक्षात्कारों की तारीख की घोषणा नहीं की जाएगी. इस पड़ के आवदेन करने की आखिरी तारीख 25 फरवरी रखी गई थी. आपको बता दें श्रीलंका के न्याय मंत्रालय ने पहले ये घोषणा की थी कि मादक पदार्थों की तस्करी के मामले में 48 लोगों को फांसी की सजा दी गई थी और फिर इसके बाद इनमें से 30 ने आगे अपील की है जिसके बाद सरकार ने अन्य 18 दोषियों को फांसी देने का ऐलान किया था. पहले तो श्रीलंका में सिर्फ एक जल्लाद था, लेकिन फांसी का तख्ता देखकर ही वह सदमे में चला गया था और साल 2014 में उसने इस्तीफा दे दिया था. उसके बाद एक और जल्लाद को पिछले साल नौकरी पर रखा गया, लेकिन वह कभी नौकरी पर ही नहीं आया. इसलिए अब जल्द से जल्द और जल्लाद की जरुरत है.