इस विशेष मंत्र से करें गणेश चतुर्थी पर पूजन, सफल होंगे आपके सारे काम
आप सभी इस बात से वाकिफ ही होंगे कि भादो महीना आ चुका है और इस महीने में कई सारे त्यौहार आते हैं. ऐसे में सावन के बाद पड़ने वाला यह महीना बहुत पवित्र माना जाता है और जल्द ही गणेश चतुर्थी का त्यौहार आने वाला है. आपको बता दें कि इस बार गणेश चतुर्थी का त्यौहार 2 सितंबर यानी सोमवार को मनाया जाने वाला है.
आपको बता दें कि इस त्यौहार में 10 दिनों तक भगवान गणेश की विशेष रूप से पूजा करते हैं और उन्हें मोदक का भोग लगाया जाता है. वहीं इस दौरान लोग भगवान गणेश की अगर सच्चे मन से पूजा भक्ति करते हैं तो उनकी सारी मनोकामना पूरी करने में भगवान देर नही करते हैं और केवल इतना ही नहीं अगर किसी के जीवन में कुछ भी समस्या या परेशानी है तो वो गणेश चतुर्थी से लेकर अनंत चतुर्दशी तक किसी भी दिन या पूरे 10 दिन गणेश जी के इस तांत्रिक गणेश मंत्र की साधना कर लेंने से खत्म हो सकती है. जी हाँ, आज हम आपको बताने जा रहे हैं श्रीगणेश तांत्रिक मंत्र की साधना विधि.
श्रीगणेश तांत्रिक मंत्र की साधना विधि – इस साधना विधि को करने के लिए एकान्त स्थान में या फिर गणेश मंदिर में जाकर साफ सुथरे जगह पर कुशा या कंबल के आसन पर बैठकर भगवान श्री गणेश जी का षोडशोपचार विधि से पूजन करें. वहीं उसके बाद गाय के घी के 11 दीपक जलाकर अपनी बैठक से एक फुट की ऊंचाई पर उसे रख लें और 10 दिनों तक रोज सिन्दूर और लड्डू के प्रसाद का भोग लगाएं, और प्रतिदिन 5 माला जप मोती या स्फटीक की माला से नीचे दिये मन्त्र का जप करें. मंत्र- ”ॐ गणपति यहाँ पठाऊ तहां जावो दस कोस आगे जा ढाई कोस पीछे जा दस कोस सज्जे दस कोस खब्बे, मैया गुफ्फा की आज्ञा मन रिद्धि सिद्धि देवी आन अगर सगर जो न आवे तो माता पारवती की लाज ॐ क्राम फट स्वाहा..”
तांत्रिक मंत्र जप विधि – आपको बता दें कि इस तांत्रिक मंत्र के जाप विधि को करने से पहले आपको अपने गुरु का पूजन, श्रीगणेश जी का पंचोपचार विधि या षोडशोपचार विधान से पूजन करना होगा लेकिन ध्यान रहे कि पूजा में गणेश जी की मिट्टी की मूर्ती के दोनों तरफ एक एक गोमती चक्र अवश्य रखें और श्रीगणेश जी के साथ देवी रिद्धि और सिद्धि का भी पूजा करें.