ईरान के साथ परमाणु समझौते का उल्लंघन नहीं : अमेरिका
वाशिंगटन (एजेंसी)। व्हाइट हाउस ने मौजूदा ईरानी प्रतिबंधों के तहत अतिरिक्त कंपनियों और व्यक्तियों को काली सूची में डालने के कदम का शुक्रवार को बचाव किया और कहा कि यह कदम पिछले महीने विश्व शक्तियों और ईरान के बीच हुए अंतरिम परमाणु समझौते का उल्लंघन नहीं है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक अमेरिका की ओर से यह बयान ऐसे समय में आया है जब एक दिन पहले उसने उन अतिरिक्त कंपनियों व व्यक्तियों को निशाना बनाया जिन पर पूर्व के ईरानी प्रतिबंधों को न मानने और ईरानी परमाणु कार्यक्रम का समर्थक होने का संदेह था। ईरान ने अमेरिका के इस कदम की आलोचना की थी और इसे गैररचनात्मक और जेनेवा समझौते के खिलाफ बताया है। ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मरजीह अफखाम ने शुक्रवार को कहा ‘‘अमेरिका सरकार के अंदर और बाहर के कुछ समूह जेनेवा समझौते को खत्म करना चाहते हैं।’’ इसके जवाब में व्हाइट हाउस के प्रवक्ता जे कार्ने ने कहा कि काली सूची में डालने का कदम मौजूदा प्रतिबंधों पर आधारित कार्रवाई का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि ओबामा प्रशासन इस बात के लिए प्रतिबद्ध है कि परमाणु संबंधी कोई नया प्रतिबंध नहीं लगाया जाएगा। अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता मैरी हार्फ ने कहा कि वाशिंगटन ने ईरान को सूचित किया था कि ऐसा होने वाला है। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं लगता कि यह कदम ईरान के साथ परमाणु वार्ता को पटरी से उतारेगा। एक संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा ‘‘हम अतिरिक्त संस्थानों या इसके अंतर्गत आने वाले लोगों पर मौजूदा प्रतिबंधों को लागू रखेंगे।’’ इस बीच ईरानी परमाणु वार्ताकारों ने वियना में विश्व शक्तियों के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत रोक दी है और विचार-विमर्श के लिए वे स्वदेश लौट रहे हैं। सोमावार को शुरू हुई बातचीत के जरिए नवंबर में हुए ऐतिहासिक समझौते के विवरणों को तैयार करना था। गौरतलब है कि नवंबर में पी5 प्लस1 समूह यानी अमेरिका ब्रिटेन फ्रांस रूस चीन व जर्मनी ने जेनेवा में ईरान के साथ एक समझौता किया था जिसमें ईरान की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने वाले प्रतिबंधों में छूट देने के बदले ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम के कुछ हिस्से को रोकने के लिए सहमत हुआ था।