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ईवीएम विवादः कैंडिडेट ने किया दावा कहा मुझे खुद का वोट भी नहीं मिला

महाराष्ट्र के बीएमसी चुनाव में निर्दलीय खड़े हुए उम्मीदवार का ईवीएम से छेड़छाड़ का दावा गलत साबित हो सकता है। उम्मीदवार का नाम श्रीकांत गणपत श्रीशत है, जिनका दावा है कि उन्हें खुद का दिया हुआ वोट भी नहीं मिला। लेकिन, महाराष्ट्र चुनाव कमीशन ने इस मामले में बड़ा खुलासा किया है। कमीशन का कहना है कि उनका नाम दो बूथ पर रजिस्टर्ड है, जोकि उनके दावे पर सवाल खड़ा कर रहा है।
ईवीएम विवादः कैंडिडेट ने किया दावा कहा मुझे खुद का वोट भी नहीं मिला
कमीश्नर अविनाश टी सनस ने कहा कि वे 164 नंबर साकी नाका क्षेत्र से खड़े हुए थे। चौंका देने वाली बात है कि उनका नाम दो पोलिंग बूथ 29 और 15 पर दर्ज है। वे खुद का वोट न मिलने की बात कह रहे हैं, पर दो पोलिंग बूथ पर नाम होना भी बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है।

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स्टेट कमीशन का कहना है कि वे लंबे समय से 29 नंबर बूथ के क्षेत्र में रह रहे श्रीशत को अपना वोट जरूर दिया होगा। ऐसे में खुद और परिवार के वोट न मिलना ये एक गलत आरोप है। कमीशन के अधिकारियों के मुताबिक श्रीशत ने अपनी मां और पिता के साथ 29 नंबर बूथ पर खुद को रजिस्टर्ड करवा रखा है, जबकि 15 नंबर बूथ पर उनकी बहन और भाई के साथ उनका नाम दर्ज है। देखा जाए तो धारा 17 और 18 के तहत एक शख्स का नाम एक ही चुनावी क्षेत्र पर होगा।

श्रीशत के इस आरोप को लेकर सभी पार्टियां लगातार कड़ा रुख अपना रही है। अब यूपी, उत्तराखंड, पंजाब के बाद दिल्ली के विधानसभा चुनाव पर भी सवाल खड़े होने लगे हैं। इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक स्टेट इलेक्शन कमीशन ने बताया कि श्रीशत को करीब 44 वोट मिले हैं, जिसमें 11 वोट 29 नंबर और दो वोट उन्हें 15 नंबर से मिले हैं।

इससे पहले दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी बयान दिया और कहा कि अभी हाल ही में राज्यों में हुए चुनावों को छोड़ दिया जाए, लेकिन अगर उम्मीदवार को खुद का वोट न मिले इससे बड़ा घपला कुछ नहीं हो सकता। बता दें कि पीछे उत्तराखंड हाईकोर्ट ने ईवीएम मशीनों को सील करने के आदेश दिए हैं। साथ ही निर्वाचन आयोग भी इस मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक करने जा रहा है।

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