उत्तराखंड

उत्तराखंडः भटकी नारी निकेतन में हुए बलात्कार की जांच!

देnari-niketan-5651423e5fd36_exlstहरादून नारी निकेतन के संबंध में जिला प्रशासन की जांच मुख्य मामले से भटक गई है।

शनिवार को जिला प्रशासन और समाज कल्याण विभाग की जांच उन मूक बधिर संवासिनियों के इर्दगिर्द घूमती रही, जिन्होंने एक वीडियो क्लिप में नारी निकेतन में गड़बड़ियों के संबंध में आरोप लगाए हैं।

जबकि जांच मानसिक रूप से बीमार संवासिनी के शारीरिक शोषण के संबंध में आए गोपनीय पत्र में लिखे तथ्यों की होनी चाहिए थी। गुप्त पत्र में आरोप लगाया गया है कि एक संवासिनी का पहले शारीरिक शोषण किया गया, जब वह गर्भवती हो गई तो गर्भपात करा दिया गया। जिला प्रशासन की जांच में इस मामले को शामिल नहीं किया गया है।

नारी निकेतन की एक संवासिनी के साथ कथित दुराचार के बाद गर्भपात का मामला चार दिन से सुर्खियों में है। 

इसी आधार पर जिलाधिकारी रविनाथ रमन ने जिला प्रोबेशन अधिकारी से जांच कराई थी, लेकिन नतीजा संतोषजनक नहीं रहा। इसी बीच महिला कल्याण परिषद और बाल आयोग के उपाध्यक्ष विजयलक्ष्मी गुर्साइं के सामने संवासिनियों ने जो चौंकाने वाले तथ्य बताए, उसने नारी निकेतन की पूरी व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए।

एक वीडियो क्लिप में मूक बधिर दो संवासिनियों ने इशारों में शोषण की कहानी को बयां किया है। इस वीडियो क्लिप के वायरल होते ही मामला गरमाया गया तो डीएम ने अपर जिलाधिकारी वित्त झरना कमठान की अगुवाई में तीन सदस्यीय टीम गठित कर दी।

शुक्रवार को टीम नारी निकेतन गई तो संवासिनियों के हंगामा करने के साथ पत्थरबाजी कर जांच को बाधित कर दिया। इसके बाद जांच की दिशा बदल गई। शनिवार को गोपनीय पत्र की सच्चाई का पता लगाने के बजाए जांच को वीडियो क्लिप में शामिल मूक बधिर संवासिनियों के मेडिकल पर केंद्रित कर दिया गया।

जबकि यह सवाल सुलगते ही रह गए कि क्या संवासिनी के साथ रेप के बाद गर्भपात किया गया? वह संवासिनी कहां है?, क्या नारी निकेतन में इस तरह का कोई खेल चल रहा है? इन तथ्यों की अनदेखी किए जाने पर जांच पर सवाल उठने लाजिमी हैं।

नारी निकेतन में मूक बधिर संवासिनियों शनिवार सुबह जिस समय मेडिकल के लिए दून महिला अस्पताल लाया जा रहा था, उस समय कुछ संवासिनियों ने हंगामा किया। समाज कल्याण विभाग की टीम हंगामे के बीच ही उन्हें लेकर निकल आई। मेडिकल के बाद संवासिनियों को नारी निकेतन भेज दिया गया। जहां पर उन्हें घेरकर सवालों की बौछार की गई है।

जांच टीम ने पुलिस को रखा दूर
नारी निकेतन में शुक्रवार को पत्थरबाजी के बाद अधिकारियों को सुरक्षित निकालने वाली पुलिस को शनिवार को हुई पूरी कार्रवाई से दूर रखा गया। नारी निकेतन के सामने स्थित बाईपास चौकी पुलिस से भी संवासिनियों को निकालने में मदद नहीं ली गई। अधिकारी भी कुछ भी जानकारी होने से इनकार करते रहे।

जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई
नारी निकेतन में संवासिनी से जुडे़ मामले में जिलाधिकारी जांच करा रहे हैं। जो भी रिपोर्ट मिलेगी उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी। नारी निकेतन में रहने वाली महिलाओं के मान-सम्मान की रक्षा करना सरकार की जिम्मेदारी है।
– हरीश रावत, मुख्यमंत्री

 

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