रविवार देर रात यमुनोत्री हाईवे पर राड़ी टॉप, गंगोत्री हाईवे पर सुक्की टॉप तथा उत्तरकाशी-लंबगांव मोटर मार्ग चौरंगीखाल में बंद हो गया। यातायात बहाली के लिए इन मार्गों को खोलने की कोशिशें जारी हैं। दोपहर बाद ये मार्ग नहीं खुले।
बारिश-बर्फबारी से खिले किसानों के चेहरे
उधर, मौसम की बदली रंगत ने रविवार को काश्तकारों के चेहरे पर रौनक बिखेर दी। लंबे इंतजार के बाद आखिरकार मौसम उन पर मेहरबान हो गया। रविवार को निचले इलाकों में हुई बारिश जहां गेहूं के लिए वरदान साबित होगी, वहीं ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी अधिक समय तक नमी का संरक्षण रखेगी।
बारिश, बर्फबारी ने अनाज और बागवानी फसलों में जान फूंक दी है। सर्दियों के इस सीजन में अब तक बारिश और बर्फबारी नहीं होने से काश्तकार और बागवान मायूस थे। क्षेत्र में सूखे जैसे हालात थे।
कृषि विज्ञान केंद्र ढकरानी के प्रभारी वैज्ञानिक डॉ. एसएस सिंह ने बताया कि पर्वतीय क्षेत्रों में गेहूं की फसल के लिए बारिश फायदेमंद होगी। यहां खेती जाड़े की बारिश पर निर्भर रहती है। जनवरी में हुई मटर की बुआई के लिए बारिश नेमत लेकर आई है।
साथ ही शीतोष्ण फल जैसे सेब, बादाम, अखरोट, नाशपाती, खुमानी के लिए बारिश के साथ बर्फबारी लाभदायक सिद्ध होगी। बारिश के चलते नमी लंबे समय तक बनी रहेगी। जिसका फायदा फ्रूटिंग और फ्लावरिंग के दौरान होगा। कीटों और बीमारियों के पनपने की संभावना कम होगी।
मैदानी इलाकों में बारिश मटर के साथ ही आम और लीची के लिए फायदेमंद साबित होगी। कृषि वैज्ञानिक डा. डीएस तोमर ने कहा कि बारिश पर्वतीय और मैदानी दोनों क्षेत्रों में गेहूं, सरसों, मसूर और देर से बोई गई आलू की फसलों के लिए वरदान की तरह है।