एजेंसी/ भवाली: आग तेजी से पहाड़ से नीचे की ओर बढ़ी, उस पर काबू पाना मुश्किल था। देखते ही देखते आग ने वहां मौजूद चीड़ के फलों और मैदान में गिरे सूखे पत्तों को जलाकर खाक कर दिया। जानवरों ने भी इधर-उधर भागना शुरू कर दिया। देखते ही देखते आग गांव के घरों तक पहुंच गई और रात में ही घर भी धूं-धूं कर जलने लगे। उत्तराखंड में इन दिनों भड़की आग में बुरी तरह से प्रभावित एक गांव तिरछाखेत के एक 45 वर्षीय व्यक्ति शंकर अब भी उस भयावह रात को नहीं भूल पा रहे हैं।
गांव के कई अन्य लोगों की तरह शंकर ने भी उस रात अपने जानवर, फसल और घर भी खो दिया। नैनीताल जिले में भवाली से करीब 10 किमी दूर शंकर के गांव में पिछले रविवार को आग ने यह तांडव मचाया था। उस रात को याद करते हुए शंकर ने बताया, ‘अचानक काफी सारा धुआं फैल गया। हम लोग तुरंत भागकर बाहर आए तो देखा कि आग पूरे गांव में फैल गई थी। एक डरा हुआ बछड़ा गांव की तरफ आने की बजाय उल्टी दिशा में भाग गया और गांव वाले उसे बचा नहीं पाए।’
‘दीवार गिर गई, बमुश्किल बची जान’
शंकर और उनका परिवार उस समय रात का भोजन कर रहे थे। उनके घर की दीवार का एक पूरा हिस्सा धराशाही हो गया और वे बड़ी मुश्किल से जान बचाकर भागे। उनके पड़ोसी के किचन में आग लग गई। जानवरों का सारा चारा भी जल गया। जानवर भी अब सूखे पत्तों के सहारे जिंदा हैं। एक समय जो जानवरों के चारागाह थे, वे अब झुलसे हुए मैदान बन गए हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि जंगल की आग उत्तराखंड के लिए कोई नई बात नहीं है। लेकिन इस बार वनाग्नि ने सभी को डरा कर रख दिया है। पिछले करीब 3 महीने में राज्य के 3,000 एकड़ जंगल जलकर खाक हो चुके हैं। सेना, वायु सेना, एनडीआरएफ के जवानों सहित 6000 लोग आग बुझाने के काम में जुटे हुए हैं। सैटेलाइट तस्वीरों से पता चलता है कि पिछले 24 घंटे में आग तेजी से बढ़ी है।
‘अब तक किसी ने नहीं ली सुध’
भवाली के पास तिरछाखेत गांव वनाग्नि से बुरी तरह प्रभावित हुआ है। यहां की ग्रामीण कमला देवी ने रोते हुए बताया, ‘कुछ भी नहीं बचा, आग ने हमारा सब कुछ छीन लिया। हमारे पास पानी भी नहीं है।’ फिलहाल लोग पड़ोसियों के साथ रह रहे हैं। गांव का कोई भी घर पूरी तरह सुरक्षित नहीं है, लेकिन कुछ अब भी बेहतर स्थिति में हैं। एक हफ्ता बीत चुका है, लेकिन अब भी कोई अधिकारी वहां नहीं पहुंचा है।
इस इलाके के ऊपर भारी धुआं फैला हुआ है और इसे नासा के सैटेलाइट ने भी देखा है। आर्मी के हेलीकॉप्टर यहां ऊपर से पानी की बौछार करके आग बुझाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन काफी ज्यादा धुआं होने के कारण उन्हें भी उड़ान भरने में दिक्कत हो रही है।