उत्तराखंड के एक छात्र ने ऐसी दूरबीन बनाई है, जिससे चंद्रमा के साथ अन्य ग्रहों को बिल्कुल साफ देखा जा सकता है।
अमूमन लाखों की लागत वाली दूरबीन को चमोली जिले के एक छात्र ने मात्र दस हजार रुपए में बना दिया। इस दूरबीन से बृहस्पति ग्रह को उपग्रहों के साथ और चंद्रमा को भी स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।
गढ़वाल केंद्रीय विवि श्रीनगर (गढ़वाल) से एमएससी करने के दौरान बीती जनवरी माह में इलाहाबाद के आनंद भवन में विज्ञान प्रसार की कार्यशाला के दौरान छात्र यशवंत खत्री ने दूरबीन बनाना सीखा।
सीखने की ललक और विज्ञान पर मजबूत पकड़ होने के कारण यशवंत को इस दूरबीन को बनाने में मात्र तीन दिन का समय लगा।
आसमान में बृहस्पति ग्रह सामान्य तौर पर तारे की तरह टिमटिमाता दिखाई देता है, वहीं तारा यशवंत की बनाई दूरबीन से स्पष्ट और उपग्रहों के साथ दिखाई देता है। चंद्रमा पर पड़े गड्ढे भी इस दूरबीन से साफ दिखाई देते हैं।
सबसे पहले क्राउन ग्लास से अवतल दर्पण बनाया गया। यही दूरबीन का मुख्य भाग होता है। इसके बाद इस पर एल्युमिनियम की परत चढ़ाई जाती है। फिर लकड़ी व लोहे की सहायता से दूरबीन का माउंट तैयार किया जाता है। इसके बाद दर्पण और माउंट को आपस में जोड़ दिया जाता है।
दर्पण को माउंट में उसकी फोकस दूरी के अनुसार फिट किया जाता है। बाद में जरूरत के हिसाब से नैत्रिका लगाई जाती है। इस दूरबीन से धुंधला सा दिखने वाला आसमान स्पष्ट रूप से दिखाई देता है, जिसमें ग्रह, उपग्रह और अन्य आकाशीय पिंड देखे जा सकते हैं।
इलाहाबाद के जवाहर तारा मंडल की उप निदेशक डॉ. रवि किरन के मुताबिक यशवंत ने निसंदेह अद्वितीय काम किया है। उसकी बनाई दूरबीन से चंद्रमा और बृहस्पति ग्रह और उनकी आंतरिक सतह स्पष्ट दिखाई देती है। इसे बनाने में लागत भी कम आई है। यशवंत विज्ञान वर्ग के अन्य छात्रों के लिए प्रेरणा स्रोत हैं।