इसके अलावा निलंबित एसडीएम नंदन सिंह नगन्याल की 40 से अधिक नए मामलों में संलिप्तता पाई गई है। सीबीआइ जांच के मद्देनजर मामले से जुड़े सारे दस्तावेज भी अब डबल लॉकर में रख दिए गए हैं, ताकि इनसे छेड़छाड़ न की जा सके। प्रदेश में कुछ दिनों पूर्व एनएच 74 के चौड़ीकरण के लिए भूमि अधिग्रहण मुआवजा में 250 करोड़ से अधिक का घोटाला होने की आशंका है। मामले की प्रारंभिक जांच में 70 करोड़ रुपये का घोटाला होने की पुष्टि हुई थी और 180 करोड़ के घोटाले की आशंका जताई गई थी। सरकार छह पीसीएस अधिकारियों को निलंबित कर उन्हें चार्जशीट सौंपने के साथ ही पूरे प्रकरण को सीबीआइ को सौंपने की संस्तुति कर चुकी है।
हालांकि, इस मामले में शासन स्तर से जांच जारी थी। अब जांच अधिकारी व कमिश्नर कुमाऊं ने जांच को आगे बढ़ाते हुए इस मामले में अनुपूरक रिपोर्ट भी शासन को सौंपी है। रिपोर्ट में बाजपुर के पूर्व एसडीएम तीरथ पाल को दोषी पाया गया है। जांच में यह बात सामने आई कि उन्होंने बैकडेट में कृषि भूमि को अकृषि दिखाया। इससे सरकार को तकरीबन 20 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ। जांच अधिकारी ने उनके खिलाफ भी कार्रवाई की संस्तुति की है। वहीं, जांच में इस घोटाले में पहले से ही निलंबित चल रहे एसडीएम एनएस नगन्याल भी बाजपुर व गदरपुर में भू उपयोग बदलने के 40 से अधिक नए मामलों में दोषी पाए गए हैं।
अब उनके खिलाफ इन मामलों को भी चार्जशीट में शामिल करने का अनुरोध किया गया है। बाजपुर में दस्तावेजों से छेड़छाड़ की घटना को देखते हुए जांच अधिकारी ने अभी तक जांच से संबंधित सभी दस्तावेज डबल लॉकर में भी रखने के निर्देश दिए हैं ताकि सीबीआइ जांच से पहले इन्हें खुर्दबुर्द न किया जा सके। कुमाऊं मंडल के कमिश्नर डी सेंथिल पांडियाल के अनुसार शासन को अनुपूरक जांच रिपोर्ट सौंप दी गई है। इसमें कुछ नए अधिकारियों का नाम भी शामिल है। सीबीआइ जांच से पहले अभिलेखों में छेड़खानी न हो सके इसके लिए सभी दस्तावेज डबल लॉकर में रखे गए हैं।