उत्तर कोरिया के मिसाइल टेस्ट के खिलाफ चीन-अमेरिका हुए एकजुट
एजेन्सी/छह साल बाद एक बार फिर से वॉशिंगटन में पचास से ज्यादा देशों के नेता परमाणु सुरक्षा को मजबूत करने के तरीकों पर बहस करने के लिए जमा हुए हैं। सुरक्षा व्यवस्था काफी मजबूत है और लोहे की जालियां और बख्तरबंद गाड़ियां एक तरह से दीवार बनकर खड़ी हैं। लेकिन जाहिर है कि ये दीवार परमाणु हमले का सामना नहीं कर सकती और ये अहसास इस सम्मेलन का अहम हिस्सा है ख़ासकर तब जबकि ये माना जा रहा है कि ब्रसेल्स के चरमपंथी हमलावर कुछ ही महीनों पहले बेल्जियम के परमाणु ठिकानों की टोह ले रहे थे और उनपर निशाना लगाने की ताक में थे। पअमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा है कि चीन और अमेरिका उत्तर कोरिया को और मिसाइल परीक्षण करने से रोकने के लिए एकसाथ प्रयास करेंगे। हाल के हफ्तों में उत्तर कोरिया हाइड्रोजन बम का परीक्षण कर चुका है और बार बार वह मिसाइल परीक्षण करता रहा है और उसने पश्चिमी देशों को धमकी भी दी है। ओबामा गुरुवार को वॉशिंगटन में परमाणु सुरक्षा सम्मेलन में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मिले। ओबामा ने कहा कि वह और शी जिंनपिंग इस बात पर सहमति के लिए प्रयास कर रहे हैं कि “हम परमाणु मिसाइल परीक्षण जैसे कदमों को कैसे कम कर सकते हैं, जो तनाव बढ़ाते है और अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं का उल्लंघन करते हैं।” राष्ट्रपति ओबामा ने जापान और दक्षिण कोरिया के नेताओं को भी यकीन दिलाया कि वो पूरी तरह से उनके साथ खड़े हैं। चीन उन गिने-चिने देशों में से है जिसके साथ ओबामा ने इस बैठक के दौरान द्विपक्षीय बातचीत की है लेकिन वहां भी एजेंडे पर उत्तर कोरिया सबसे ऊपर था।
रमाणु हथियारों को इस्लामिक स्टेट और दूसरे चरमपंथी गुटों के हाथ में पड़ने से कैसे रोका जाए ये इस बहस का सबसे महत्वपूर्ण एजेंडा है। लेकिन साथ ही उत्तरी कोरिया का परमाणु कार्यक्रम भी ख़ासी चिंता पैदा कर रहा है।