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उन्नाव कांड : उच्चतम न्यायालय ने अपने आदेश में किया संशोधन

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने उन्नाव कांड से जुड़े सड़क दुर्घटना मामले को दिल्ली स्थानांतरित करने के अपने कल के आदेश में शुक्रवार को फौरी संशोधन किया। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के विशेष उल्लेख के बाद अपने आदेश में संशोधन करते हुए कहा कि जब तक सड़क दुर्घटना की जांच पूरी नहीं हो जाती तब तक इस मामले को दिल्ली स्थानांतरित नहीं किया जायेगा। श्री मेहता ने शुक्रवार को मामले का विशेष उल्लेख पीठ के समक्ष किया और कहा कि चूंकि मामले की जांच फिलहाल जारी है, ऐसी स्थिति में इसे दिल्ली स्थानांतरित करने से आरोपियों को हिरासत में लेने और जमानत आदि कानूनी प्रक्रिया में दिक्कत आयेगी। न्यायालय ने केंद्रीय जांच ब्यूरो को सड़क दुर्घटना मामले की जांच पूरी करने के लिए 14 दिन का समय दिया।

इससे पहले, न्यायालय ने उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता को बेहतर इलाज के लिए दिल्ली स्थानांतरित करने के फैसले पर फौरी रोक लगा दी। न्यायालय ने, हालांकि सुरक्षा कारणों से पीड़िता के चाचा को जल्द से जल्द रायबरेली की जेल से दिल्ली की तिहाड़ जेल स्थानांतरित करने का आदेश दिया। पीड़िता के चाचा ने न्यायालय को पत्र लिखकर जेल के अंदर अपनी जान का खतरा बताया था। पीठ ने पीड़िता की हालत और पीड़िता की मां की बात को ध्यान में रखते हुए उसे इलाज के लिए फिलहाल दिल्ली एयरलिफ्ट न किये जाने का निर्णय लिया। न्यायालय ने कहा कि पीड़िता की हालत में सुधार होने के बाद उसे दिल्ली शिफ्ट किया जा सकता है, लेकिन इस पर सोमवार को निर्णय लिया जायेगा। पीड़िता की मां ने पीठ को अवगत कराया कि वह अपनी बेटी का उपचार लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज में ही जारी रखना चाहती है। वह उसे उपचार के लिए दिल्ली शिफ्ट नहीं करना चाहती। श्री मेहता ने कहा कि पीड़िता का परिवार यह नहीं चाहता है कि पीड़िता को दिल्ली स्थानांतरित किया जाये।

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