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उप्र : सरकारी भवन पर पोस्टर लगे तो अधिकारी नपेंगे

scलखनऊ। लोकसभा चुनाव को लेकर जहां सियासी दलों में सरगर्मियां तेज हो गई हैं वहीं निर्वाचन आयोग के निर्देश पर प्रशासनिक मशीनरी भी हरकत में आ गई है। लोकसभा चुनाव को निष्पक्ष और शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने के लिए जिला प्रशासन भी आयोग के निर्देशों के पालन में जुट गया है। आयोग ने निर्देश दिए हैं कि चुनाव के दौरान किसी भी सरकारी भूमि भवन विशेष रूप से पीडब्लूडी स्कूलों जल निगम सरकारी कार्यालयों आदि पर बैनर व पोस्टर आदि नहीं लगने चाहिए। अगर कहीं भी बैनर या पोस्टर लगे पाए गए तो संबंधित विभाग के अधिकारियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी। साथ ही प्रत्याशियों के द्वारा जो भी चुनाव प्रचार के लिए सभाएं व प्रचार सामग्री आदि पर खर्च किया जाएगा उसकी वीडियोग्राफी फोटोग्राफी टीम द्वारा की जाएगी। आयोग के निर्देश हैं कि सभा करने के लिए प्रशासन से अनुमति लेनी होगी। जिस अवधि के लिए प्रत्याशियों द्वारा अनुमति ली जाएगी उसी समय के अंतर्गत सभा होनी चाहिए। साथ ही रात 1० बजे के बाद कोई सभा आयोजित नहीं करने दी जाएगी। अगर नियम का उल्लंघन हुआ तो इसके लिए एसओ व मजिस्ट्रेट उत्तरदायी होंगे। सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को चुनाव आयोग भारत सरकार द्वारा प्राप्त दिशा निर्देंशों का शत प्रतिशत पालन करते हुए अपनी जिम्मेदारी को पूरा करने के निर्देश दिए हैं। कहा गया है कि चुनाव के कार्यों में किसी प्रकार की लापरवाही या ढील किसी भी रूप में माफी योग्य नहीं होगी।
अधिकारियों ने बताया कि निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार प्रत्याशी 4० लाख रुपये तक ही खर्च कर सकेंगे। चुनाव के दौरान कोई भी व्यक्ति निर्धारित राशि से अधिक रुपये अपने साथ लेकर नहीं चलेगा। अगर कोई अधिक राशि लेकर जा रहा है तो उसे साक्ष्य देना होगा। टीम को उसकी तुरंत वीडियोग्राफी करानी होगी तथा उसकी सूचना आयकर विभाग के अधिकारियों को देनी होगी। किसी भी पार्टी के स्टार प्रचारक का खर्च पार्टी के खाते में जाएगा। प्रत्याशी के साथ उतने ही वाहन चलेंगे जितने की अनुमति प्राप्त होगी।

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