एकता व शान्ति का संदेश देती है सीएमएस की झांकी
लखनऊ : ‘विश्व हमें देता है सब कुछ, हम भी तो कुछ देना सीखें’ की भावनाओं से लबरेज सिटी मोन्टेसरी स्कूल की अनूठी झाँकी गणतन्त्र दिवस परेड में प्रदर्शन को तैयार है। यह झाँकी रवीन्द्रालय, चारबाग, लखनऊ पर खड़ी है, जहाँ बड़ी संख्या में लखनऊवासी इस झांकी को देखकर इससे प्रेरणा ग्रहण कर रहे हैं। आज यहाँ ‘झाँकी स्थल’ रवीन्द्रालय पर आयोजित एक प्रेस वार्ता में झाँकी के विभिन्न पहलुओं से पत्रकारों को अवगत कराते हुए सी.एम.एस. संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गाँधी ने कहा कि यह झांकी ‘भारतीय संविधान के अनुच्छेद 51’ एवं ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ की भावना पर आधारित है, जो समाज में समरसता का वातावरण बनाने निश्चित ही मददगार साबित होगी। यह झांकी देश एवं विश्व समाज के प्रति अपने उत्तरदायित्वों को निभाने की अपील प्रस्तुत करने के साथ ही ‘विश्व संसद’, ‘विश्व सरकार’, ‘प्रभावशाली अर्न्तराष्ट्रीय कानून व्यवस्था’ एवं ‘विश्व न्यायालय’ की ओर भी जनमानस का ध्यान आकृष्ट करती है। पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए डा. गाँधी ने कहा कि सी.एम.एस. की यह झाँकी मात्र प्रदर्शन भर के लिए नहीं है अपितु इसके पीछे एक उद्देश्य है कि सम्पूर्ण मानव जाति के हृदय में प्रेम व एकता की भावना को जगाकर पृथ्वी पर आध्यात्मिक सभ्यता की स्थापना की जाये। ‘विश्व हमें देता है सब कुछ, हम भी तो कुछ देना सीखें’ विषय पर आधारित सी.एम.एस. की यह प्रेरणादायी झाँकी जन-मानस को ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ की भावना को आत्मसात करने का संदेश देने के साथ ही ‘भारतीय संविधान के अनुच्छेद 51’ की भावनाओं के अनुसार प्रेम, प्यार, सहयोग एवं सहकार से ओतप्रोत विश्व व्यवस्था का आह्वान भी करती है।
डा. गांधी ने बताया कि सी.एम.एस. की झाँकी चार भागों में हैं और सभी भाग एक अनूठे ढंग से मानवता के कल्याण का का संदेश दे रहे हैं। इस झाँकी के प्रथम भाग में दिखाया गया है कि एक बालक अपने सिर पर ग्लोब उठाये भारतीय संविधान के अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह संकल्प ले रहा है कि ‘एक दिन दुनियाँ एक करूँगा, धरती स्वर्ग बनाऊँगा’। झांकी के द्वितीय भाग मंे विभिन्नता में एकता प्रदर्शित करते हुए एक ही छत के नीचे विभिन्न धार्मिक स्थल प्रदर्शित किये गये हैं, जो यह संदेश दे रहे हैं कि सभी धर्मों का स्रोत एक ही परमपिता परमात्मा है व सभी धार्मिक ग्रन्थों में दी गई शिक्षाऐं एक ही परमात्मा की तरफ से उस युग की आवश्यकता के अनुसार भेजी गई हैं। झाँकी के तृतीय भाग में ‘विश्व संसद’ का दृश्य दिखाया गया है, जो यह संदेश दे रहा है कि दुनिया में शान्ति, सुरक्षा, भाईचारा, प्रेम एवं एकता की स्थापना के लिए एवं निष्पक्ष तथा न्यायपूर्ण विश्व व्यवस्था के नव-निर्माण हेतु वीटो पॉवर रहित ‘विश्व संसद’ का गठन करें। झाँकी के चौथे भाग में नीदरलैण्ड स्थित ‘इण्टरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्ट्सि’ का दृश्य दिखाया गया है, जो यह संदेश दे रहा है कि विश्व मानवता के कल्याण हेतु अन्तर्राष्ट्रीय न्यायालय को प्रभावशाली बनाया जाए।