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एक दलित के घोड़ी पर बैठने को लेकर हुई पत्थरबाजी, पुलिस सुरक्षा में निकाली गयी बरात

देश आजादी के 73 साल पूरे कर चुका है, लेकिन चिंता की बात है कि समाज के एक बड़े तबके के अंदर अब भी ऊंच-नीच का भेदभाव नहीं मिट पाया है। ताजा मामला गुजरात के बनासकांठा जिले का है जहां दलित युवक के घोड़ी पर बैठने को लेकर दो पक्षों के बीच कथित तौर पर पत्थरबाजी हुई है। गुजरात के बनासकांठा जिले के संदीपाड़ा गांव में दलित दूल्हे का घोड़ी पर बैठना ऊंची जाति के लोगों को इस कदर नागवार गुजरा कि उन्होंने बरातियों पर कथित तौर पर पत्थरबाजी कर दी। इसके बाद पुलिस सुरक्षा में दलित युवक की बरात निकाली गई।

पुलिस के मुताबिक ऊंची जाति के लोगों ने दलित युवक के घोड़ी पर बैठने को लेकर विरोध जताया था, इसके बावजूद दूल्हा घोड़ी पर बैठकर बरातियों संग शादी करने जा रहा था। इसे देखकर ऊंची जाति के लोगों ने दूल्हे और बरातियों पर पत्थरबाजी कर दी। जिसकी सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची। इसके बाद पुलिस सुरक्षा में दलित युवक की बरात निकाली गई।

बनासकांठा जिले के दलित समाज के अध्यक्ष दलपतभाई भाटिया ने बताया कि यह घटना संदीपाड़ा गांव में तब हुई जब जम्मू-कश्मीर में तैनात सेना के एक जवान आकाश कोटडिया (27) की शादी की बरात जा रही थी, इसी बीच ऊंची जाति के कुछ लोगों ने दूल्हे के घोड़ी पर बैठने को लेकर आपत्ति जताई।

उन्होंने कहा कि कोटडिया कुछ दिन पहले शादी के लिए अपने पैतृक गांव आए थे। जब हमने गांव के उच्च-जाति के सदस्यों द्वारा की गई आपत्तियों को नजरअंदाज करने की कोशिश की, तो उन्होंने पथराव कर दिया। इस दौरान गरबा कर रहे एक 60 वर्षीय व्यक्ति और कुछ महिलाएं घायल हो गईं और एक डीजे साउंड सिस्टम खराब हो गया।

उन्होंने कहा कि बड़ी विडंबना यह है कि घोड़ी खुद उच्च जाति के ठाकोर समुदाय के एक व्यक्ति का था। इसके बाद हमने पुलिस से संपर्क किया, जिसने हमें सुरक्षा दी। गढ़ पुलिस स्टेशन के एक अधिकारी ने कहा कि स्थिति नियंत्रण में है और पथराव करने वाले व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।

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