पर्यटन

एक बार जरूर घूम आएं मध्यप्रदेश का हिल स्टेशन पचमढ़ी, खुलेगा अंग्रेजों के जमाने का स्विमिंग पूल

इस मौसम में सैर करने का अलग ही मजा होता है क्योंकि न बहुत गर्मी पड़ती है और न ही सर्दी। साथ ही त्योहार की छुट्टियां भी आराम से मिल जाती हैं। अगर इस सुहाने मौसम और त्योहारों की छुट्टियों का लुत्फ उठाना चाहते हैं तो मध्य प्रदेश के खूबसूरत इस हिल स्टेशन की यात्रा बहुत ही रोमांचक होगी। हम मध्य प्रदेश के इस हिल स्टेशन पचमढ़ी जाने की सलाह इसलिए दे रहे हैं क्योंकि ये बहुत दूर नहीम है और यहां जल्दी ही एक लुप्तप्राय हो चुके टूरिस्ट पॉइंट को लोग सालों बाद फिर से देख सकेंगे।

पचमढ़ी मध्यप्रदेश का बहुत ही खूबसूरत हिल स्टेशन है। इसे सतपुड़ा की रानी के नाम से भी जाना जाता है। यहां के सुंदर नजारे किसी का भी दिल जीतने के लिए पर्याप्त हैं। चारों तरफ से सतपुड़ा की पहाड़ियों से घिरी यह पहाड़ी सैलानियों के लिए किसी मनोरम स्थल से कम नहीं है। यहां पर पर्यटकों के देखने के लिए खूबसूरत झरने, कलकल बहती नदियां, खूबसूरत घाटियां हैं। इसके साथ ही इस स्थान का अपना पौराणिक महत्व भी है।

पचमढ़ी के इतिहास में सखाराम खड्ढ के नाम से पहचाने जाने वाला यह स्थान वास्तव में अंग्रेजों का स्विमिंग पूल हुआ करता था, जिसे विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण पचमढ़ी साडा और सतपुड़ा टाइगर रिजर्व मिलकर फिर से संवार रहे हैं। यह स्विमिंग पूल पचमढ़ी में बी फॉल जाने वाले रास्ते पर है। रोड से नीचे उतरने पर पहाड़ी चट्टान को काटकर बनाई गई सीढ़ियां नजर आती हैं। गहरी ढलान पर सीढ़ियां हैं, बाकी रास्ता मैदानी है। साडा सीईओ पवन राय के अनुसार, यह प्राकृतिक स्विमिंग पूल है। पहाड़ी में एक विशाल गोलाकार गड्ढा बना हुआ है, जिसे पहाड़ों में से निकली प्राकृतिक जलधारा का पानी गिरता है। इस पानी को रोकने के लिए एक दीवार बनाई गई है। ओवरफ्लो होने पर दीवार के ऊपर से पानी वह जाता है जो आगे जाकर बी फाल में मिलता है। सिर्फ सखाराम खड्ढ ही इस खूबसूरत जगह पर और भी बहुत कुछ है घूमने के लिए।

क्या है पौराणिक महत्व
मान्यता है कि यह स्थान पांडवों की पांच गुफाओं से बना है। कहा जाता है कि पांडवों ने अज्ञातवास के दौरान बहुत सा समय यहीं पर बिताया था। पचमढ़ी दो शब्द पांच और मढ़ी से मिलकर बना है। कहते हैं कि महाभारत काल में पांडवों ने यहां पर पांच गुफाओं का निर्माण किया था। वर्तमान में ये गुफाएं एक ऊंचे पर्वत पर स्थित हैं।

धूपगढ़
ये जगह सतपुड़ा रेंज का सबसे ऊंचा प्वाइंट है। इसे सूर्यास्त और सूर्योदय प्वाइंट के नाम से भी जाना जाता है। चारुगढ़ दूसरा सबसे ऊंचा प्वाइंट है। इसका धार्मिक महत्व भी है क्योंकि इसके शिखर पर एक शिव मंदिर स्थित है।

पांडव की गुफाएं
यहां पर प्राचीन काल की पांच गुफाएं बनी हैं। मान्यता है कि महाभारत काल में यहां पर पांडवों ने अज्ञातवास के दौरान विश्राम किया था। अब इन गुफाओं को राष्ट्रीय स्मारक घोषित किया गया है। यहां पर एक गुफा में मंदिर बना है जिनमें बहुत ही खूबसूरत पेंटिंग की गई है। यह गुफा लगभग तीस किमी लंबी है।

जलप्रपात
यहां कई झरने मौजूद हैं। इनमें से प्रमुख है 2800 फीट से अधिक ऊंचा सिल्वर फॉल या रजत प्रपात, बी-फॉल एक मशहूर पर्यटन स्थल है, लिटिल फॉल, डचेस फॉल भी हैं।

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