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एसडीएम ने दम्पति से कहा- कोर्ट में साथ आओ, साथ जाओ तभी मिलेगा तलाक़, चौथे दिन पति ने सेल्फी भेजी, बोला- अब साथ रहेंगे


भोपाल : पति-पत्नी के बीच एक मोबाइल ने इतना विवाद बढ़ा दिया कि मामला तलाक तक पहुंच गया। दरअसल, सर्वधर्म कॉलोनी में रहने वाले एक पति-पत्नी मोबाइल पर घंटों बात करते थे। एक दिन अचानक पति ने पत्नी को मोबाइल पर बात करते देख उसे गुस्से में पीट दिया। इसके बाद उसका मोबाइल भी तोड़ दिया। पत्नी ने इसकी शिकायत कोलार थाने में की। पुलिस ने मारपीट के मामले में धारा 151 के तहत हुजूर एसडीएम राजकुमार खत्री की कोर्ट में पति को पेश किया। एसडीएम ने दोनों पक्षों को सुना। पति ने कहा, उसे पत्नी के साथ नहीं रहना है। वो रोजाना दो-दो घंटे मोबाइल पर उनके एक रिश्तेदार से बात करती है। रोक-टोक करने पर झगड़ा करती है, इसलिए मुझे उससे तलाक चाहिए। पत्नी ने भी बयां किया दर्द… सर, ये भी घंटों मोबाइल पर न जाने किससे बात करते हैं। जब मैं इनको मना करती हूं तो ये नहीं मानते। मेरे साथ मारपीट भी करते हैं, मैं भी तंग आ गई। इसलिए इनको जेल भेजा जाए, मुझे भी तलाक चाहिए। इस पर एसडीएम ने पति और पत्नी की लगातार काउंसलिंग की। पति और पत्नी को धारा-151 का मतलब भी समझाया। यह भी बताया कि यदि एक बार जेल गए तो परिवार टूटना तय है। इसलिए दोनों को विवाद सुलझाने के लिए तीन दिन का वक्त दिया। पति-पत्नी ने एसडीएम के आदेश के बाद रोजाना सुबह 11 से शाम 5 बजे तक एसडीएम कोर्ट के बाहर गुजारा।

इस दौरान दोनों के पास कोई मोबाइल फोन नहीं रहता था। पत्नी के गुस्सा होने पर पति उसे मनाता भी था। पत्नी भी पति की बातों पर अमल करती थी। ऐसे में ही दोनों के बीच में सुलह हो गई। एसडीएम राजकुमार खत्री ने दोनों को आमने-सामने बैठकर रोजाना एक घंटे काउंसलिंग की। दोनों के सामने यह शर्त रखी कि दोनों के मामले में फैसला जब ही होगा। जब दोनों रोजाना एसडीएम कोर्ट में एक ही गाड़ी में बैठकर पेशी पर आओगे और वापस जाओगे। तीन दिन तक ऐसा करना होगा। इसके बाद फैसला सुनाऊंगा। एसडीएम के आदेश पर पति-पत्नी रोजाना तय समय पर एसडीएम कोर्ट पहुंचे और तीन दिन बाद पति ने एसडीएम को सेल्फी भेजकर यह कहा-सर अब साथ रहना है। पत्नी का बर्थडे मनाने जा रहा हूं। एसडीएम ने बताया कि पति और पत्नी को यह बात समझ में आ गई है कि मोबाइल से बढ़कर भी जीवन में बहुत कुछ है।

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