नई दिल्ली। संसद का मानसून सत्र शुक्रवार को समाप्त हो गया। यह सत्र न सिर्फ कामकाज के मामले में बेहतर रहा बल्कि कई अन्य मामलों में ऐतिहासिक साबित हुआ। सत्र के दौरान संसद की 20 बैठकों में जहां दशक भर से प्रतीक्षित वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) पारित हुआ, वहीं कश्मीर पर एकस्वर में प्रस्ताव भी पारित किया।
सत्र के दौरान आम आदमी पार्टी (आप) के सांसद भगवंत मान को संसद परिसर का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डालने के आरोप में संसद की कार्यवाही में भाग लेने पर रोक लगाने का मामला भी सामने आया। मामले की जांच के लिए लोकसभा अध्यक्ष ने जांच समिति का गठन भी किया। राज्यसभा के सभापति हामिद अंसारी ने सत्र को कामकाज की दृष्टि से सफल बताते हुए कहा, सदन ने कश्मीर में हिंसा, दलितों पर हमले और महंगाई जैसे ज्वलंत मुद्दों पर भी चर्चा की।
वहीं, लोकसभा अध्यक्ष सुमित्र महाजन ने भी कहा, इस सत्र के दौरान सदन का छह घंटे 33 मिनट समय हंगामे की भेंट चढ़ा, लेकिन 18 घंटे से अधिक समय तक बैठकर इस समय की भरपाई की गई। मानसून सत्र के दौरान लोकसभा ने 13 विधेयक पारित किए जबकि राज्यसभा ने 14 विधेयकों को मंजूरी दी। इनमें ऐतिहासिक संविधान संशोधन (122वां) विधेयक भी शामिल है जो जीएसटी लागू करने के लिए जरूरी है। दोनों सदनों ने इस पर मुहर लगाई।
संसद ने बेनामी लेन निषेद्य विधेयक, कराधान संशोधन विधेयक, फैक्ट्री कानून संशोधन विधेयक और मेडिकल काउंसिल संशोधन विधेयकों पर भी मुहर लगाई। मानसून सत्र 18 जुलाई को शुरू हुआ और 12 अगस्त तक चला। इस दौरान लोकसभा 121 घंटे बैठी, जबकि रायसभा की बैठक 112 घंटे हुई। यह महज एक संयोग है कि पिछले साल संसद का मानसून सत्र ललित मोदी विवाद और व्यापम घोटाले पर विपक्ष के विरोध के चलते कामकाज की दृष्टि से बेहद खराब रहा था।
मानसून सत्र में लोकसभा
20 बैठकें हुईं
121.23 घंटे बैठा सदन
6.33 घंटे हुए बर्बाद
18.05 घंटे अधिक बैठकर की बर्बाद समय की भरपाई
14 विधेयक हुए पेश
13 विधेयक हुए पारित
84 निजी विधेयक हुए पेश
367 मामले उठाए गए नियम 377 के तहत
618 मामले उठाए गए शून्यकाल में
04 चर्चाएं हुईं नियम 193 में
42 बयान दिए मंत्रियों ने
99 तारांकित सवालों के मंत्रियों ने दिए मौखिक जवाब
4600 अतारांकित प्रश्न पूछे गए
21,989 दर्शक पास हुए जारी