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ओडिशा में नक्सल प्रभावित इलाके में बीएसएफ के नए बेस पर पहली बार हुआ ध्वजारोहण

भुवनेश्वर: मलकानगिरि जिला मुख्यालय से करीब 90 किलोमीटर दूर मोहूपदार में बीएसएफ की सीओबी (कंपनी ऑपरेटिंग बेस) है। यह ओडिशा और छत्तीसगढ़ की सीमा पर घने जंगलों के बीच है। इस बेस की निगरानी बीएसएफ की 160वीं बटालियन के जवान करते हैं। इस बेस को राज्य के सर्वाधिक नक्सल हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा बलों की मौजूदगी बढ़ाने और इन इलाकों में विकास कार्यों की शुरुआत के लिए किए जाने वाले प्रयासों के बीच इसी साल 28 मई को सक्रिय किया गया था।

मोहूपदार और इसके आस-पास के इलाकों में नक्सली हिंसा की घटनाएं अक्सर होती रहती हैं। समाचार एजेंसी पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार बीएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि नक्सली इन इलाकों में स्कूल और पंचायत भवन में तोड़-फोड़ करते हैं। कुछ साल पहले तो नक्सलियों ने एक पुलिस थाने में तोड़-फोड़ कर दी थी। अधिकारी के अनुसार सुरक्षा बलों को भी इस इलाके में कई बार नक्सली हमलों का सामना करना पड़ा है और कई मुठभेड़ भी हुई हैं।

अधिकारी ने बताया कि आजादी की वर्षगांठ के दिन इस बेस पर आयोजित कार्यक्रम में मलकानगिरि में बीएसएफ के सेक्टर मुख्यालय में डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल (डीआईजी) एसके सिंह, 160वीं बटालियन के कमांडेंट तीर्थ आचार्य गांव के सरपंच, पुलिस अधिकारी और स्थानीय निवासियों ने हिस्सा लिया। इस दौरान यहां ध्वजारोहण किया गया और स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं दी गईं। अधिकारी ने कहा कि यह पहली बार है जब आजादी के दिन यहां तिरंगा लहराया गया है।

सिक्किम में आईटीबीपी (इंडो तिब्बत सीमा पुलिस) के जवानों ने 16,700 फीट की ऊंचाई पर गुरुडोंगमार झील के किनारे पर स्वतंत्रता दिवस मनाया। आजादी की वर्षगांठ मनाते जवानों का एक वीडियो समाचार एजेंसी एएनआई ने जारी किया। इसमें झील के किनारे पर लहराते तिरंगे के नीचे जवान भारत माता की जय के नारे लगाते नजर आ रहे हैं। इसके साथ ही सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने आज लेह में दुनिया के सबसे ऊंचे माटरेबल पास (दर्रा) उमलिंग ला पर ध्वजारोहण किया।

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