ओबामा बोले- साइबर हमले के पीछे पुतिन का हाथ, ट्रंप लेंगे सख्त फैसला
निवर्तमान अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने आरोप लगाया है कि रूस ने अपने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के इशारों पर अमेरिकी चुनाव के दौरान डेमोक्रेटिक पार्टी और हिलेरी क्लिंटन अभियान के सर्वर और ईमेल प्रणालियां हैक कीं, जिससे नवनिर्वाचित डोनाल्ड ट्रंप को मदद मिली थी. ओबामा ने उम्मीद जताई कि इस मुद्दे पर ट्रंप कोई गंभीर फैसला लेंगे.ओबामा ने व्हाइट हाउस में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, ‘मैं कह सकता हूं कि जो खुफिया रिपोर्टें मैंने देखी है, उनसे उनके इस आंकलन में मेरा बहुत विश्वास हुआ है कि रूसियों ने साइबर हमले किए हैं. रूस में व्लादिमीर पुतिन के बगैर कुछ नहीं हो सकता.’उन्होंने कहा, ‘उन्होंने (पुतिन) डेमोक्रेटिक पार्टी के उन ई-मेल को हैक किया, जिनमें कुछ आम बातें थी, उनमे से कुछ बुरी और असहज करने वाली बातें भी थीं.
अमेरिका को कमजोर नहीं कर सकता रूस
चिंतित ओबामा ने अमेरिकी चुनाव को प्रभावित करने के कथित प्रयासों को ले कर रूस की तीखी आलोचना की. उन्होंने कहा कि रूस में किसी चीज का उत्पादन नहीं होता और उनमें इनोवेशन की कमी है. ओबामा ने कहा, ’ हमें इस बात पर विचार करने की जरूरत है कि यहां हमारी राजनीतिक संस्कृति को क्या हो रहा है. रूस हमें बदल या उल्लेखनीय रूप से कमजोर नहीं कर सकता है. वह एक छोटा और कमजोर देश है. उनकी अर्थव्यवस्था तेल, गैस और हथियारों के अलावा ऐसा कुछ उत्पादन नहीं करती, जिसे कोई खरीदना चाहे.’
रूस के खिलाफ कड़ा फैसला लेंगे ट्रंप
ओबामा ने कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि नवनिर्वाचित राष्ट्रपति भी यह सुनिश्चित करने के लिए इस मुद्दे को उतनी ही गंभीरता से लेंगे कि हमारी चुनाव प्रक्रिया में किसी भी तरह का संभावित ‘विदेशी प्रभाव’ ना हो. मुझे नहीं लगता कि कोई भी अमेरिकी ऐसा चाहेगा. यह किसी भी तरह के तर्क-वितर्क का मुद्दा नहीं होना चाहिए.’ ओबामा ने कहा कि उन्होंने हाल ही में चीन यात्रा के दौरान पुतिन के सामने यह मुद्दा उठाया था. उन्होंने कहा, ‘मैं सितंबर की शुरुआत में चीन यात्रा के दौरान पुतिन से मिला था, ऐसी घटनाएं न हो यह सुनिश्चित करने का सबसे अच्छा तरीका उनसे प्रत्यक्ष बात करना होगा और उन्हें कहना होगा कि वह इस पर रोक लगाएं और ऐसा न करने पर इसके गंभीर परिणाम होंगे.’