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ओलंपिक से बाहर होने पर अतानु दास का खुलासा, बताया- क्यों नहीं जीत सके पदक

नई दिल्ली। जापान की राजधानी टोक्यो में खेले जा रहे ओलंपिक गेम्स में शनिवार को भारतीय तीरंदाज अतानु दास के बाहर होने के साथ ही तीरंदाजी में भारतीय दल की चुनौती समाप्त हो गई है। इसके साथ भारतीय तीरंदाजी संघ (एएआई) ने ओलंपिक के तुरंत बाद ही सेलेक्शन ट्रॉयल कराने का फैसला किया है जिसको लेकर अतानु दास ने नाराजगी जताई है। पुरुषों के क्वार्टर फाइनल मुकाबले में अतानु दास को 6-4 से हार का सामना करना पड़ा जिसके बाद ओलंपिक 2020 में उनका सफर समाप्त हो गया है।

मैच के बाद मीडिया से बात करते हुए अतानु ने कहा कि आप ओलंपिक्स के तुरंत बाद सेलेक्शन ट्रॉयल के लिये बुलावा भेजते हैं और स्पोर्टस साइंस को लेकर लगातार बात करते हैं। हम सभी स्पोर्टस साइंस के बारे में जानते हैं। मुझे नहीं पता कि टूर्नामेंट के बीच में आपको सेलेक्शन ट्रायल देने के लिये कहना किस तरह से स्पोर्टस साइंस से ताल्लुक रखता है। सेलेक्शन ट्रॉयल्स के लिये तरीकों में बदलाव कर दिया गया है, ऐसे तरीके अपनाये जा रहे हैं जिनके बारे में हमें कभी पता नहीं था। कोई हमारी नहीं सुनता और कहा जाता है कि आदेश ऊपर से आ रहे हैं।

अतानु ने आगे कहा कि लोग सिर्फ ओलंपिक के प्रदर्शन की बात करते हैं लेकिन पिछले सालों में खिलाड़ी ने देश के लिये विश्वकप या अन्य टूर्नामेंट में क्या प्रदर्शन किया इसके बारे में नहीं सोचते हैं और न ही उस पर ध्यान देते हैं। उन्होंने कहा,’शायद हम ओलंपिक्स को कुछ ज्यादा गंभीरता से ले लेते हैं। यह मेरी निजी सोच और राय है। हम हमारे खिलाड़ियों की स्किल का आनंद लेना भूल जाते हैं। हमने कई सारे पदक विश्व कप और बाकी प्रतिस्पर्धाओं में भी जीते हैं। भारतीय तीरंदाजी के लिये सिर्फ ओलंपिक्स ही नहीं है। मुझे लगता है कि यह दिमाग में बहुत अधिक- अत्याधिक दबाव पैदा करता है जिससे खिलाड़ियों को जूझना पड़ता है। हमने विश्व कप में जीत हासिल की लेकिन कोई इस बारे में नहीं जानता, हम नंबर 1 बने लेकिन कोई इस बारे में बात नहीं करता है, हालांकि जैसे ओलंपिक्स आता है हर कोई सब कुछ जानता है, हम हर एक मैच में उस दबाव से जूझते हैं।’

आपको बता दें कि क्वार्टरफाइनल मुकाबले में अतानु दास को जापान के ताकाहारू फुरुकावा के हाथों 6-4 से हार का सामना करना पड़ा। वहीं दीपिका कुमारी को भी साउथ कोरिया की एन सेन ने हराकर बाहर किया।

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