ओलंपियन विवेक सागर पहुंचे भोपाल, खेल मंत्री सिंधिया ने माथे से लगाया मेडल
भोपाल. भोपाल. मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh News) की राजधानी गुरुवार सुबह झूम उठी. टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics) की पुरुष हॉकी टीम के खिलाड़ी विवेक सागर भोपाल पहुंचे. उनके स्वागत के लिए लोगों ने पलक पांवड़े बिछाए. युवा ओलंपियन को देख लोगों ने उन्हें कंधों पर बैठा लिया.
एयरपोर्ट पर उनका स्वागत करने प्रदेश की खेल मंत्री यशोधरा राजे भी पहुंच गईं. उन्होंने विवेक का स्वागत किया. सिंधिया ने ब्रॉन्ज मेडल को सिर पर लगाया. मेडल देख सिंधिया भावुक हो गईं. उन्होंने कहा कि पुरुष हॉकी टीम ने ओलम्पिक में ब्रॉन्ज मेडल जीता है. यह बहुत भावुक क्षण है.
सीएम करेंगे सम्मानित
आज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान विवेक सागर को सम्मानित करेंगे. मिंटो हॉल में आयोजित विवेक सागर के स्वागत की बड़ी तैयारियां की गई हैं. गौरतलब है कि 5 अगस्त को टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics) में भारतीय हॉकी टीम (Indian Hockey Team) ने इतिहास रच दिया था.भारत ने जर्मनी को 5-4 से हराकर कांस्य पदक जीत लिया था. इस जीत में मध्य प्रदेश के भी दो खिलाड़ियों विवेक सागर और नीलकांता शर्मा की भी अहम भूमिका थी. दोनों खिलाड़ियों को मध्य प्रदेश सरकार 1-1 करोड़ का इनाम देगी. प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मैच के बाद ही इसकी घोषणा कर दी थी.
सीएम ने किया था ये ट्वीट
शिवराज ने ट्वीट किया था- ‘भारतीय पुरुष #Hockey टीम ने #Tokyo2020 में सर्वश्रेष्ठ टीमों को हराया है. इटारसी के लाल विवेक सागर टीम का हिस्सा हैं, नीलकांता शर्मा ने मध्य प्रदेश हॉकी एकेडमी से ट्रेनिंग ली है. इन दोनों खिलाड़ियों को एक-एक करोड़ रुपए की सम्मान निधि मध्य प्रदेश सरकार प्रदान करेगी.’
महिला-पुरुष टीमों को मिली बेस्ट रैंकिंग
गौरतलब है कि टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics) में अच्छे प्रदर्शन का भारतीय महिला और पुरुष हॉकी टीम (Indian Hockey Team) को इनाम मिला है. दोनों ही टीमों ने करियर की बेस्ट रैंकिंग हासिल की. एफआईएच की नई जारी रैंकिंग में मेंस टीम तीसरे और महिला टीम 8वें स्थान पर है. भारतीय पुरुष टीम ने ओलंपिक में ऐतिहासिक कांस्य पदक जीतकर 41 साल के पदक सूखे को समाप्त किया था. वह स्वर्ण पदक विजेता बेल्जियम और रजत पदक हासिल करने वाली आस्ट्रेलिया से पीछे है.
हॉकी इंडिया के हवाले से भारतीय पुरुष टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह ने कहा कि यह उस खेल के प्रति हम सभी की कड़ी मेहनत और समर्पण का नतीजा है, जिसे हम सभी प्यार करते हैं, जिसने हमें सब कुछ दिया है. उन्होंने कहा कि रैंकिंग और 41 साल बाद ओलंपिक पदक से भारतीय हॉकी के बढ़ने की शुरुआत हुई है. अब पीछे मुड़कर नहीं देखना, हमने अपने लिये मानदंड स्थापित कर दिया है और हम इससे आगे बढ़ना ही चाहेंगे.