कट्टरपंथियों की गोलियों के बीच भारत के इंजीनियर सूडान में बना रहे हैं अस्पताल
विदेश मंत्रालय के सहयोग से सीपीडब्लूडी ने किसी भी तरह के डर की परवाह न करते हुए 124 बेड के अस्पताल का प्रोजेक्ट तैयार कर दिया। इस निर्माण पर 120 करोड़ रुपये खर्च होंगे। अस्पताल का नाम इंडो साउथ सूडान फ़्रेंड्शिप मेंटल अस्पताल रखा गया है।
केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्लूडी) की स्थापना के 164 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में गुरुवार को विज्ञान भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में विभाग के महानिदेशक प्रभाकर सिंह ने खास बातचीत में यह खुलासा किया है। उन्होंने कहा, सूडान में अस्पताल के निर्माण से पहले करने सीपीडब्लूडी ने अफगानिस्तान में असेंबली और दूतावास कार्यालय भी बनाया है। इसके अलावा पाकिस्तान और नेपाल में भी सीपीडब्लूडी ने कई भवनों का निर्माण किया है। कुछ माह पहले विदेश मंत्रालय के आग्रह पर सीपीडब्लूडी ने सूडान में अपने इंजीनियरों की एक टीम भेजी थी।
इस टीम ने वहां पर विपरीत परिस्थितियों का सामना करते हुए पहले अस्पताल का नक्शा तैयार किया। सूडान के स्थानीय प्रशासन की मंज़ूरी मिलने के बाद सीपीडब्लूडी के इंजीनियरों ने अब वहां पर काम शुरू कर दिया है। बता दें कि वहां पर अस्पताल बनाने के लिए कई देशों के इंजीनियरिंग विभाग से बात की गई थी, लेकिन वहां कट्टरपंथियों के बड़े खतरे को देखते हुए किसी ने भी इस प्रोजेक्ट में हाथ नहीं डाला।
डीजी प्रभाकर के मुताबिक, जल्द ही एम्स के डॉक्टर और सीपीडब्लूडी के कुछ अन्य इंजीनियर सूडान जाएंगे। खतरे के बारे उन्होंने कहा, सीपीडब्लूडी के इंजीनियर अब इससे नहीं घबराते। वहां पर गोलियां चलती हैं, धमकी आती रहती है, लेकिन हमारे इंजीनियर अपने काम में लगे रहते हैं।