कबूतरों से पाकिस्तान करवा रहा जासूसी, जैसलमेर में पकड़ा गया कबूतर
जयपुर: पाकिस्तान द्वारा भारत में जासूसी और अन्य खुफिया गतिविधियों को अंजाम देने के लिए कबूतरों का उपयोग करना प्रारंभ कर दिया गया है। सीमावर्ती क्षेत्रों में ऐसे कबूतर पकड़े जा रहे हैं जिनके उपर या तो तारनुमा छल्ले जैसा कुछ बंधा है या फिर इन पर नंबरिंग की गई है। ऐसे ही एक कबूतर को मंगलवार को सीमा सुरक्षा बल के जवानों ने पकड़ा है। जी हां, भारत और पाकिस्तान की सीमा से सटे जैसलमेर के तनोट में बबलियान सीमा क्षेत्र में पाकिस्तान की ओर से एक कबूतर उड़कर आया था। इस कबूतर को देखकर सुरक्षा दस्ता सक्रिय हो गया।
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सावधानी से इस कबूतर को पकड़ा गया। सुरक्षाकर्मियों ने प्रारंभिकतौर पर यह पाया है कि यह एक तरह का प्रशिक्षित कबूतर है। अब सुरक्षाबल जांच में लगे हैं। वे कबूतर के माध्यम से यह जानने में लगे हैं कि आखिर इसे क्या प्रशिक्षण दिया गया है और पाकिस्तान इसके माध्यम से क्या जानकारी प्राप्त करना चाहता है।
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गौरतलब है कि पहले भी कबूतरों के माध्यम से पाकिस्तान द्वारा पंजाब, राजस्थान की सीमाओं पर जासूसी कथित तौर पर तेज कर दी गई थी। वर्ष 2016 में भी पंजाब पुलिस ने पाकिस्तान को छूती हुई सीमा पर कबूतर पकड़ा था। एक कबूतर के पंजों में संदेश बंधा हुआ था जिसमें उर्दू भाषा में लिखा गया था कि मोदी हम 1971 वाले लोग नहीं है।
अब बच्चा बच्चा भारत के विरूद्ध लड़ाई लड़ने के लिए तैयार हो गया है। भारत द्वारा ऐसे कबूतरों को लेकर निगरानी रखी जा रही है। कबूतरों की जांच के माध्यम से भारत जानना चाहता है कि पाकिस्तान किस तरह की गतिविधियों में संलग्न है।