कमजोर ‘रुस्तम’ का फायदा ‘मोहेंजो दारो’ को मिलेगा
लगता है देखने वाले सूंघ लेते हैं कि क्या उन्हें देखना चाहिए और क्या नहीं। ‘रुस्तम’ और ‘मोहेंजो दारो’ आज एक साथ रिलीज हुई। रिलीज के पहले रुझान बता रहे थे कि ‘रुस्तम’ की तगड़ी शुरूआत लगभग तय है लेकिन ऐसा होता दिख नहीं रहा।
‘मोहेंजो दारो’ में भी भीड़ बराबर है। ‘रुस्तम’ को लेकर एक और चीज जो गड़बड़ा गई है वो यह कि फिल्म से दर्शक खुश होकर बाहर नहीं निकल रहे हैं। अक्षय कुमार से लोगों को जो उम्मीद थीं वो इस फिल्म में पूरी नहीं हुई हैं। पहला शो देखकर निकले लोगों का एक सुर में यह कहना था कि फिल्म सपाट है, इसमें किसी तरह के उतार-चढ़ाव नहीं हैं जिससे बोरियत होने लगती है।
गाने सिर्फ एक या दो हैं। अक्षय का पूरे वक्त वर्दी पहने रहना भी काफी लोगों को अखरा। सबसे बड़ी कमजोरी यह है कि जिस तरफ फिल्म रुख करती है, उस मंजिल का अंदाजा काफी पहले हो जाता है। यह किसी भी थ्रिलर के लिए घातक है। ‘रुस्तम’ को बड़ा खामियाजा उठाना पड़ेगा और सीधा फायदा होगा ‘मोहेंजो दारो’ को।
रितिक रोशन और आशुतोष गोवारिकर की जोड़ी काफी कुछ पेश कर सकती है, यह पहले तो साबित हो ही चुका है। और कुछ नहीं तो कम से कम नया तो ‘मोहेंजो दारो’ में होगा ही!