नई दिल्ली : अब कोरोना वायरस को लेकर आशंका जताई जा रही है कि यह करंसी नोट के जरिए भी फैल सकता है। इसलिए कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने सरकार को चिट्ठी लिखकर अपील की है कि सरकार डिजिटल लेन-देन (ऑनलाइन ट्रांजेक्शन) को बढ़ाने पर जोर दे। कैट ने कहा है कि सरकार ऐसे करंसी नोट चलाने पर विचार करे जिनसे संक्रमण का ख़तरा कम हो। दरअसल वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (डब्ल्यूएचओ) ने भी करंसी नोट के बजाय कॉन्टेक्टलेस ट्रांजेक्शन की सलाह दी है। कैट ने सोमवार को पत्र लिखकर सरकार से डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने की अपील करते हुए प्लास्टिक के नोट का चलाने पर विचार करने को भी कहा है। दरअसल पेपर नोट पर बैक्टीरिया, फंगस की आशंका से डब्ल्यूएचओ ने करंसी के ट्रांजेक्शन से बचने को कहा है। ईरान ने भी कैश में लेन-देन से बचने की सलाह दी है। कैट ने वित्त मंत्री, स्वास्थ्य मंत्री और वाणिज्य मंत्री को लिखे गए पत्र में कई स्टडीज और मीडिया रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए कहा है कि इन स्टडीज में ये कहा गया है कि करंसी नोट पर माइक्रो-ऑर्गेनिज्म होते हैं, जिनसे तेजी से संक्रमण फैलता है।
एक्सपर्ट्स ने भी कई बार इस बात की चेतावनी दी है कि कई तरह के संक्रमण करंसी नोट के जरिए ही फैलते हैं। इनमें यूरिनरी, सांस लेने, स्किन इन्फेक्शन जैसी बीमारियों के फैलने का खतरा बढ़ जाता है। कैट के राष्ट्रीय महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि ट्रेडिंग कम्युनिटी में ही सबसे ज्यादा करंसी नोट्स का इस्तेमाल किया जाता है। उन्होंने ये भी कहा कि ये आम बात है कि करंसी नोट एक हाथ से दूसरे हाथ में बार-बार ट्रांसफर होते रहते हैं। इसके दूषित होने की संभावना सबसे अधिक होती है। ध्यान देने वाली बात ये है कि भारत में नोट गिनते वक्त अधिकतर लोग अपनी उंगली को बार-बार मुंह में रखते हैं, ताकि नोटों को गिनने में उनको आसानी हो, जिससे किसी भी वायरस के फैलने की आशंका बढ़ जाती है।