कर्नाटक के इस मंदिर में रोज होती है टीपू सुल्तान के लिए पूजा
दस्तक टाइम्स/एजेंसी: मंगलुरु। शेरे-ए- मैसूर के नाम से विख्यात रहे टीपू सुल्तान को जहां आरएसएस ने सबसे असहिष्णु बताया है। वहीं कर्नाटक में एक मंदिर ऐसा भी है जहां इस राजा के लिए रोज पूजा होती है। वेस्टर्न घाट में स्थित कोल्लूर श्री मुकाम्बिका मंदिर में रोज मैसूर के शेर के नाम पर एक विशेष पूजा होती है।
यह परंपरा कई साल से मंदिर में चली आ रही है। ऐसा माना जाता है कि यह खास पूजा टीपू सुल्तान के इस मंदिर में आने की याद में की जाती है। यह परंपरा मुख्यमंत्रियों, मंत्रियों और अधिकारियों के प्रति सम्मान जताने से जुड़ी हुई है।
जब कोई अति विशिष्ट व्यक्ति मंदिर में आते हैं तो मंदिर में काम करने वाले सभी व्यक्ति उनका स्वागत करते हैं और उन्हें पूरे मंदिर में एक मशाल लेकर दल का नेतृत्व करने के लिए कहते हैं। मौजूूदा समय में यह रस्म तब निभाई जाती है जब कोई कार्यकारी अधिकारी शाम की पूजा के समय मंदिर में आता है।
इतिहासकार उदय बारकुर के अनुसार राजाओं व सरकारी प्रतिनिधियों को खास तौर पर सम्मानित करने की परंपरा मंदिरों में लंबे समय से चली आ रही है। उन्होंने कहा कि टीपू सुल्तान कोल्लुर मंदिर से केवल 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित शंकर नारायण मंदिर आए थे। उन्होंने वहां मंदिर को एक घंटा तोहफे में दिया था। हो सकता है कि तभी वह इस मंदिर में भी आए हों।