कर्नाटक में कांग्रेस ने भले ही सहयोगी दल जदएस के साथ तालमेल बैठाकर सरकार चलानी शुरू दी है लेकिन कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष पद को लेकर घमासान तेज हो गया है। इसे लेकर कर्नाटक के लोकसभा और राज्यसभा के 15 सांसदों ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मिलने का समय मांगा है।
कांग्रेस के इन सांसदों ने पिछले दिनों बंगलूरू में बैठक कर वरिष्ठ नेता और सात बार के सांसद पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री एचसी. मुनियप्पा को प्रदेश अध्यक्ष बनाने पेशकश की है। कांग्रेस में सरकार बनने के बाद प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी को लेकर खींचतान तेज हो गई है। एक ओर जहां प्रदेश प्रभारी केसी. वेणुगोपाल कार्यकारी अध्यक्ष दिनेश गुंडुराव की पैरवी कर रहे हैं।
बताते हैं कि उनका समर्थन पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैय्या और लोकसभा में पार्टी के नेता मल्लिकार्जुन खडग़े कर रहे हैं। जबकि दूसरी ओर कर्नाटक के दोनों सदनों में कुल 17 सांसदों में 15 किसी वरिष्ठ नेता को प्रदेश अध्यक्ष बनवाना चाहते हैं। दो सांसद जिमसें खडग़े के अलावा डीके.सुरेश मुनियप्पा के पक्ष में नहीं हैं।
दलित समुदाय से आने वाले मुनियप्पा के समर्थन में 10 जून को बंगलूरू में 15 सांसदों की बैठक हुई। जिसमें लोकसभा के 9 में से 7 और राज्यसभा के आठ सांसदों ने अपनी मंशा जताई। 15 सांसदों ने राहुल गांधी से मिलने का समय मांगा है ताकि अपनी बात उन तक पहुंचा सकें। समर्थन दे रहे सांसदों का तर्क है कि मुनियप्पा दलितों के जिस वर्ग से आते हैं उसे मौका नहीं मिला है।
वहीं पार्टी को मुनियप्पा की वरिष्ठता और जदएस के एचडी देवगौड़ा और एचडी कुमार स्वामी के साथ उनके घनिष्ठ संबंधों का लाभ गठबंधन सरकार को बेहतर ढंग से चलाने में भी मिलेगा। वरिष्ठ प्रदेश अध्यक्ष होने के कारण जदएस दबाव की राजनीति भी नहीं कर सकेगी।