नई दिल्ली: पूर्व राष्ट्रपति और मिसाइल मैन नाम से प्रसिद्ध डॉ. अब्दुल कलाम को गत सोमवार शाम आईआईएम शिलांग में एक कार्यक्रम में लेक्चर देते वक्त दिल का दौरा पड़ गया था जिसके बाद उन्हें शिलांग के बेथनी अस्पताल ले जाया गया लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका और उनका निधन हो गया। देर रात कलाम के पार्थिव शरीर को बेथनी अस्पताल से मिलिट्री हॉस्पिटल ले जाया गया। डॉ कलाम का आज रामेश्वरम में अंतिम संस्कार होगा।
-गुवाहाटी से पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम का पार्थिव शरीर विशेष विमान से दिल्ली लाया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एयरपोर्ट जा सकते हैं।
-सुबह दस बजे कैबिनेट की बैठक में तय होगा कि कलाम का अंतिम संस्कार कैसे किया जाएगा। सरकार सात दिन के राषट्रीय शोक का एलान कर चुकी है।
-दिल्ली से उनके पार्थिव शरीर को रामेश्वरम ले जाया जाएगा, रामेश्वरम में ही कलाम का जन्म हुआ था.
-दिल्ली में 10 राजाजी मार्ग वाले घर पर उनका पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा।
-प्रधानमंत्री समेत तमाम नेता और उनके चाहने वाले दिल्ली में ही डॉ कलाम के अंतिम दर्शन करेंगे और श्रद्धांजलि देंगे
पूरे देश के लिए रहे प्रेरणा स्रोत
डॉ. कलाम पूरे देश के लिए प्रेरणा स्रोत रहे हैं। राष्ट्रपति बनने से पहले और राष्ट्रपति बनने के बाद भी वो अक्सर स्कूल, कॉलेज और इंजीनियरिंग संस्थानों के बच्चों को आगे बढ़ने की प्रेरणा देते थे, जिंदगी के आखिरी दिन जब मौत ने दस्तक दी तब भी कलाम शिलॉन्ग में IIM के छात्रों के बीच थे। आपको बता दें कि 84 साल के कलाम शाम 6.30 बजे आईआईएम में लेक्चर देने के दौरान ही गिरकर बेहोश हो गए। शाम 7 बजे कलाम को बेथनी अस्पताल लाया गया. डॉक्टरों ने उन्हें आईसीयू में लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा। आर्मी हॉस्पिटल और नॉर्थ ईस्टर्न इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ एंड मैडीकल साइंसेज के डॉक्टर भी कलाम को बचाने के लिए बेथनी अस्पताल पहुंच गए।
45 मिनट तक डॉक्टरों ने बचाने की कोशिश की लेकिन कामयाब नहीं हो सके। शाम 7.45 बजे डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। जैसे ही उनके 99 साल के बड़े भाई मुथु मीरा और परिवार के दूसरे लोगों को उनकी मृत्यु की खबर मिली…सब बिलख-बिलख कर रो पड़े, पूरे रामेश्वरम में रात से ही गम का माहौल है …जो शायद कभी भर न सकेगा।