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कश्मीर घाटी में प्रतिबंध, बंद से जनजीवन प्रभावित

kashmirश्रीनगर: अलगाववादियों के विरोध-प्रदर्शनों के आह्वान को विफल करने के उद्देश्य से श्रीनगर के कुछ हिस्सों में बुधवार को दूसरे दिन भी प्रतिबंध रहा। दुकानें व कारोबार बंद रहने की वजह से सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने के एहतियाती कदम के रूप में शहर के खंयार, नौहट्टा, रैनवारी, एम.आर. गंज, सफा कदल और मैसुमा इलाकों में रोक लागू रहेगी। अलगाववादियों ने बुधवार को जम्मू एवं कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के संस्थापक मकबूल भट की बरसी पर कश्मीर घाटी में बंद का आह्वान किया। भट को 1984 में तिहाड़ जेल में फांसी दी गई थी। श्रीनगर शहर में बुधवार को दुकानें, सार्वजनिक परिवहन व अन्य कारोबार बंद रहे, जबकि बैंक, डाकघरोंर और सरकारी कार्यालयों में भी उपस्थिति कम रही। कश्मीर विश्वविद्यालय ने बुधवार को होने वाली सभी परीक्षाएं रद्द कर दी हैं।
जेकेएलएफ के अध्यक्ष यासीन मलिक को एहतियातन हिरासत में ले लिया गया है, जबकि कुछ अन्य अलगाववादी नेताओं को शहर में ही घर में नजरबंद रखा गया है। पुलिस ने कहा कि घाटी में अब तक कहीं से किसी तरह की अप्रिय घटना की सूचना नहीं है। वहीं, जिला मजिस्ट्रेट बारामूला ने उत्तर कश्मीर के पल्हालन कस्बे में सोमवार को पुलिस की गोली से 24 वर्षीय युवक फारूक अहमद भट की मौत की जांच एक निश्चित समय के भीतर करने का आदेश दे दिया है। पुलिस महानिदेशक के. राजेंद्र कुमार ने आश्वासन दिया है कि मामले की गहराई से जांच होगी।

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