कश्मीर मुद्दे में शामिल होने से अमेरिका का इनकार
वाशिंगटन (एजेंसी)। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के चार दिवसीय दौरे पर अमेरिका पहुंचने से पहले ही कश्मीर विवाद को हल करने के लिए मध्यस्थता की उनकी अपील को अमेरिका ने खारिज कर दिया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कश्मीर मुद्दे पर अमेरिका की नीति जरा भी नहीं बदली है। अमेरिका इस रुख पर कायम है कि कश्मीर दक्षिण एशिया के दो पड़ोसियों के बीच द्विपक्षीय मुद्दा है। अधिकारी ने कहा कि दोनों देशों को संवाद के लिए प्रोत्साहित किया जाता है लेकिन कश्मीर मुद्दे पर वार्ता की गति दायरा और प्रकृति दोनों देश ही निर्धारित करते हैं। उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने अमेरिका रवाना होते हुए लंदन में रविवार को कहा था कि भारत के नहीं चाहने के बावजूद दुनिया की शक्तियों को कश्मीर मुद्दे को हल करने के लिए हस्तक्षेप करना चाहिए। एसोसिएटेड प्रेस ऑफ पाकिस्तान (एपीपी) के अनुसार उन्होंने कहा कि विश्व शक्तियों को ऐसा इसलिए करना चाहिए क्योंकि यह क्षेत्र परमाणु हथियार संपन्न है।
अधिकारी ने कहा कि ओबामा-शरीफ के बीच मुलाकात के दौरान ऊर्जा अर्थव्यवस्था और आतंकवाद के अलावा अफगानिस्तान पर चर्चा होगी। इसके साथ ही कुछ बिंदुओं पर भारत के बारे में भी बात होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा, ‘भारत और पाकिस्तान द्वारा ऊर्जा और व्यापार के क्षेत्रों में उठाए गए कदमों से हम बहुत उत्साहित हैं। ’’
न्यूयार्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के अधिवेशन के बाद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और शरीफ के बीच हुई मुलाकात का हवाला देते हुए अधिकारी ने कहा कि उनकी मुलाकात बहुत सकारात्मक थी। इससे केवल दो दिन पहले ही ओबामा के साथ मुलाकात के दौरान मनमोहन ने पाकिस्तान को आतंकवाद की धुरी करार दिया था।
भारत की तरह ही अमेरिकी अधिकारियों ने भी स्वीकार किया कि पाकिस्तान से पैदा आतंकवाद शरीफ के सत्ता संभालने के बाद दोनों पड़ोसियों के बीच शांति वार्ता को पटरी से उतार सकता है।