कश्मीर हिंसा के 50 दिन, 70 मौतें,
नई दिल्ली: कश्मीर में 8 जुलाई को भड़की हिंसा के 50 दिन पूरे हो चुके हैं। घाटी शांत होने का नाम नहीं ले रही। हिंसा में अब तक 70 लोगों की मौत हो चुकी है, 5 हजार से ज्यादा घायल हैं। दक्षिण कश्मीर के 36 में से 33 थाने बंद हैं। पुलिसकर्मी सेना के बैरकों में शरण लिए हुए हैं। दक्षिण कश्मीर के चार जिलों पुलवामा, शोपियां, कुलगाम और अनंतनाग में पूरी तरह से अराजकता फैली हुई है। हिंसा से रोजाना कश्मीर को 135 करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है। कश्मीर में पर्यटन उद्योग बर्बादी के कगार पर पहुंच गया है। अन्य कारोबारी गतिविधियां ठप्प पड़ी हैं। सब्जियां, दाल, फल, दूध सबके दाम आसमान छू रहे हैं। बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं, घरों में कैद रहने पर मजबूर हैं। सरकारी दफ्तरों में कामकाज बंद है। पिछले दो महीनों में घाटी के हालात बद से बदतर हो गए हैं। जानिए पिछले दो महीने से क्यों सुलग रही है घाटी…
कश्मीर की अर्थव्यवस्था को पहुंचा है भारी नुकसान…
50 दिन में 6500 करोड़ का नुकसान-कश्मीर ट्रेडर एंड मैन्यूफैक्चरर फेडरेशन (केटीएमएफ) ने अध्यक्ष यासिन खान ने किया है यह खुलासा। यासिन खान के मुताबिक कश्मीर को अबतक 6500 करोड़ का नुकसान हो चुका है। यह अनुमान पिछले छह महीने के आंकड़ों के आधार पर है। कश्मीर में पर्यटन और अन्य कारोबारी गतिविधियों से रोजाना 135 करोड़ की कमाई हो रही थी, जो पिछले 50 दिनों से ठप पड़ी है।
राज्य सरकार को 300 करोड़ का घाटा-राज्य सरकार को सेल टैक्स के जरिए जो रेवेन्यू मिलता था, वो तकरीबन बंद है। पिछले 49 दिनों में सरकार 300 करोड़ गंवा चुकी है। कश्मीर की खूबसूरती डल झील में अब शिकारे ना के बराबर दिख रहे हैं। हिंसा के वजह से पर्यटक कश्मीर आने से बच रहे हैं। पर्यटन से जो लोग रोजी-रोटी कमाते थे, आज भूखमरी के कगार पर हैं। होटलों और हाउसबोटों का भी यही हाल है।
मेहबूबा मुफ्ती ने की पीएम से मुलाकात…
इन्हीं सभी समस्याओं को लेकर जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री मेहबूबा मुफ्ती ने दिल्ली में शनिवार को पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। कश्मीर के हालात पर पीएम से चर्चा के बाद पत्रकारों से बात करते हुए महबूबा ने कहा, कि पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर के हालात को खराब किया है, वह खुले तौर पर घाटी में लोगों को उकसाने और तनाव बढ़ाने की कोशिश कर रहा है। सितंबर के पहले हफ्ते में ऑल पार्टी डेलिगेशन कश्मीर जाएगा।
जानिए क्यों बिगड़े कश्मीर में हालात…
– घाटी में 8 जुलाई को हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी बुरहान वानी को सिक्युरिटी फोर्सेस ने मार गिराया था।
– इस एनकाउंटर के विरोध में श्रीनगर, पुलवामा और अनंतनाग में प्रदर्शन शुरू हो गए थे।
– दक्षिण कश्मीर के 4 जिलों- पुलवामा, शोपियां, कुलगाम और अनंतनाग में पूरी तरह अराजकता है।
– घाटी के 36 में से 33 थाने फिलहाल बंद हैं, पुलिसकर्मी सेना के बैरकों में शरण लिए हुए हैं।
– हालात देखते हुए केंद्र सरकार को BSF की 26 कंपनियों की तैनाती का आदेश देना पड़ा।
– 2005 के बाद यह पहला मौका है जब बीएसएफ ने BSF पर मार्च किया।
– BSF के अलावा हालात काबू करने के लिए CRPF की 77 कंपनियों को घाटी में तैनात किया जा रहा है।
– प्रदर्शनों के चलते 70 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है 5800 घायल हैं, इनमें सैकड़ों जवान भी हैं।
– CRPF के स्पेशल डीजी ने बताया कि अभी तक हमारे दो हजार जवान घायल हो चुके हैं।
– इस समय राज्य में सभी तरह के करीब पचास हजार जवान हैं।
– अब 77 कंपनियां भेजी जा रही हैं। एक कंपनी में 100 जवान होते हैं।
– इनमें शामिल जवानों को हालात से निपटने की स्पेशल ट्रेनिंग दी गई है।
– इस बीच, राजनाथ सिंह एक महीने में दो बार कश्मीर दौरे पर जा चुके हैं।
– प्रदर्शनकारियों की सुरक्षा बलों से झड़प के लिए पैलेट गन का इस्तेमाल किया।
– घाटी में पैलेट गन के इस्तेमाल को लेकर काफी विरोध भी हुआ।
– 5800 घायलों में से 51 फीसदी पैलट गन से घायल हुए।
पाकिस्तान की मदद से अलगाववादी बढ़ा रहे हैं परेशानी…
– 8 जुलाई को हिजबुल कमांडर बुरहान के मारे के बाद अलगाववादियों ने युवाओं को भड़काया।
– पाकिस्तान परस्त अलगाववादी जो आए दिन घाटी में पत्थरबाजी और हड़ताल करवाते हैं।
– कश्मीर के गरीब और युवा बेरोरगारों को यही अलगाववादी भड़काते हैं।
– खुफिया एजेंसियों ने पता लगाता कि पाकिस्तान ने इन्हे फंडिंग की जा रही है।
– एनआईए ने 17 बैंक खातों का पता लगाया जिसमें पाक से 38 करोड़ रुपए की फंडिंग हुई।
– अलगाववादियों की साजिश घाटी को 90 के दशक जैसा बनाने की है।
– 90 के दशक के बाद घाटी में पहली बार आतंकी सरेआम कर रहे हैं रैलियां।
– साउथ कश्मीर में आतंकी रैलियां कर लोगों को साथ आने के लिए धमका रहे हैं।
– 1 अगस्त को लश्कर कमांडर अबू दुजाना नकाब पहनकर पुलवामा की रैली में पहुंचा।
– 2 अगस्त को कुलगाम में दो आतंकियों ने और 3 अगस्त को अनंतनाग में 3 आतंकियों ने रैली की।
– 19 अगस्त को साउथ कश्मीर के कुलगाम इलाके में चार आतंकियों ने रैली की।
– अलगाववादियों के डर की वजह से दो पुलिसकर्मियों ने इस्तीफा दे दिया।
– घाटी के 36 में से 33 थाने फिलहाल बंद हैं, पुलिसकर्मियों ने सेना के बैरकों में शरण ले रखी है।
17 साल में पहली बार अलगाववादियों पर PDP हुई सख्त…
– अलगाववादियों के हमदर्द की छवि वाली जम्मू-कश्मीर की सीएम महबूबा मुफ्ती ने 25 अगस्त को अपने सख्त तेवर दिखाए।
– 2010 की हिंसा के साथ मौजूदा हालात की तुलना पर भड़कीं महबूबा बोलीं, ‘माछिल में फर्जी मुठभेड़ में तीन नागरिक मरे थे।
– शोपियां में भी रेप और हत्या के आरोप लगे थे। यह गुस्से की वजह थी। आज तीन आतंकी मुठभेड़ में मारे गए।
– इसमें सरकार की क्या गलती? लोग सड़कों पर उतरे तो कर्फ्यू लगा दिया।
– कर्फ्यू के बीच बच्चा क्या टॉफी खरीदने आर्मी कैंप गया था?
– साउथ कश्मीर में पुलिस स्टेशन पर हमले के दौरान क्या बच्चा वहां दूध लेने गया था?
– इस तरह पथराव और कैम्प पर हमला करने से मसला हल नहीं होगा।”
– 95% लोग अमन चाहते हैं। 5% लोग हमारे बच्चों को ढाल बनाते हैं। उन्हें अंधा बनाना चाहते हैं, मारना चाहते हैं।
गृहमंत्री राजनाथ सिंह दो बार कर चुके हैं कश्मीर का दौरा…
– 25 अगस्त को राजनाथ सिंह ने एक प्रेस कॉफ्रेंस में बोला, हमारे कुछ नौजवान बहकावे में आकर हाथ में पत्थर उठाते हैं तो उन्हें समझाएं।
– युवाओं के भविष्य से न खेलें, अगर कश्मीर का फ्यूचर नहीं बनेगा तो भारत का फ्यूचर भी नहीं बनेगा।
– जम्हूरियत, कश्मीरियत और इंसानियत के मु्द्दे पर हम सबसे बात करने को तैयार हैं।
– राजनाथ सिंह ने कहा, मैंने सीएम महबूबा मुफ्ती से कहा कि कश्मीर में ऑल पार्टी डेलिगेशन आएगा।
– गृह मंत्रालय कश्मीर मसले पर एक नोडल अफसर की नियुक्ति भी करने जा रहा हैं।
पैलेट गन के विकल्प पर विचार कर रही है सरकार…
– राजनाथ सिंह ने कहा, मैंने पैलेट गन पर एक्सपर्ट्स कमेटी बना दी है।
– राजनाथ सिंह ने कहा, इसका अल्टरनेट होना चाहिए इसका कम से कम इस्तेमाल हो।
– गृह मंत्रालय पैलेट गन की जगह ‘पावा शेल्स’ यानी मिर्ची के गोले के इस्तेमाल पर विचार कर रहा है।